जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश में विधानसभा की आठ सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव को 2022 में होने वाले चुनाव से पहले लिटमस टेस्ट की तौर पर देखा जा रहा है। इसीलिए बीजेपी समेत सभी दलों ने उपचुनाव में अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने के लिए कमर कस ली है।
जहां एक ओर सीएम योगी किसी भी हाल में उपचुनाव में जीत कर 2022 विधानसभा चुनाव पहले अपने विरोधियों को करारा जवाब देना चाहते हैं। वहीं विपक्ष में बैठी कांग्रेस, सपा और बसपा ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने उपचुनाव में अपने उम्मीदवार उतारने का एलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस पार्टी ने अपने संगठन के कील-कांटे दुरुस्त करते हुए पूरी ताकत से मैदान में उतरने का फैसला किया है। पार्टी ने सभी सीट से प्रत्याशी चयन के लिए आवेदन लेने हेतु एक हाई पावर कमेटी का गठन किया है। प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के नेतृत्व में बनी कमेटी ही अंत में टिकट फाइनल करके प्रत्याशियों की घोषणा करेगी।
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू नौगवां सादात (अमरोहा), बुलंदशहर, टुंडला (फीरोजाबाद), स्वार (रामपुर), बांगरमऊ (उन्नाव), घाटमपुर (कानपुर देहात), मल्हनी (जौनपुर) और देवरिया सदर सीट पर उपचुनाव के लिए आठ कमेटियों का गठन किया है।
अजय कुमार लल्लू ने बताया कि घाटमपुर सीट की जिम्मेदारी पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व मंत्री आरके चैधरी और पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष योगेश दीक्षित को दी गई है। इसके अलावा मल्हनी सीट की जिम्मेदारी पूर्व विधायक अजय राय, पूर्व विधायक राम जियावन और पार्टी के महासचिव मकसूद खान को सौंपी गई है।
इसी प्रकार देवरिया सदर सीट की जिम्मेदारी पूर्व विधायक नदीम जावेद, पूर्व सांसद बालकृष्ण चैहान और पार्टी के महासचिव विश्वविजय सिंह को दी गई है। बांगरमऊ सीट की जिम्मेदारी कानपुर कैंट से विधायक व प्रदेश उपाध्यक्ष सुहैल अख्तर अंसारी, पूर्व विधायक संजीव दरियाबादी और पार्टी के महासचिव विवेकानंद पाठक को सौंपी गई है। टूंडला विधानसभा की जिम्मेदारी वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी, पूर्व मंत्री दीपक कुमार और प्रदेश महासचिव बदरूद्दीन कुरैशी को दी गई है।
नौगवां सादात की जिम्मेदारी पूर्व सांसद प्रवीन सिंह ऐरन, विधायक नरेश सैनी, प्रदेश महासचिव अली यूसुफ अली को सौंपी गई है। बुलंशहर की जिम्मेदारी पूर्व सांसद हरेंद्र मलिक, विधायक मसूद अख्तर, कांग्रेस महासचिव विदित चौधरी और रामपुर विधानसभा क्षेत्र की जिम्मेदारी पूर्व सांसद राशिद अल्वी, पूर्व विधायक नरेंद्र पाल गंगवार और कांग्रेस महासचिव ब्रह्मस्वरूप सागर को सौंपी गई है।
विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी भी शुरू : तीन दशक में उत्तर प्रदेश की जनता से काफी दूर हो चुकी कांग्रेस अब आंदोलनों के जरिए जनता के करीब आने का प्रयास कर रही है। इसी तरह अब निर्णय लिया गया है कि पार्टी अपना घोषणा पत्र तैयार करने के लिए भी जनअभियान चलाकर सुझाव लेगी। यह रणनीति प्रभारी महासचिव प्रियंका वाड्रा ने बैठक कर तय की है।
कांग्रेस खाट सभा की तर्ज पर जनता के बीच जाने की रूपरेखा बना रही थी कि कोरोना संक्रमण की वजह से योजना टल गई। अब पार्टी लगातार अपने संगठन को दुरुस्त करने में जुटी है। साथ ही विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी भी शुरू कर दी है। चुनाव के मद्देनजर ही विभिन्न समितियां भी गठित की जा चुकी हैं।
जनअभियान चलाकर घोषणा-पत्र बनाएगी कांग्रेस : महासचिव प्रियंका वाड्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चुनाव घोषणा-पत्र समिति के साथ बैठक की। इसमें घोषणा पत्र तैयार करने की रणनीति पर मंथन हुआ। सदस्यों का मत था कि कानून व्यवस्था, किसानों के मुद्दे, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और बिगड़ते आर्थिक हालात पर ही जनअभियान चलाया जाए।
तय हुआ कि विधानसभावार बैठकें कर जनसरोकार के मुद्दों को घोषणा पत्र में शामिल किया जाएगा। सोशल मीडिया और अन्य डिजिटल माध्यमों से भी जनता से रायशुमारी की जाएगी। प्रदेश भर के बौद्धिक वर्ग और जन संगठनों से लिखित रूप से सलाह मांगी जाएगी। हर विधानसभा के आमजन से सुझाव और मुद्दे आमंत्रित किए जाएंगे। उन सभी शामिल कर ही विधानसभा चुनाव 2022 का घोषणा पत्र तैयार किया जाएगा।