Sunday - 3 November 2024 - 1:09 AM

पीएम पद को लेकर माया-अखिलेश ने खोले पत्ते, कांग्रेस का नेतृत्व नही होगा मंजूर

के. पी. सिंह

उरई। लोकसभा चुनाव का चौथा चरण आते-आते बसपा-सपा गठबंधन ने प्रधानमंत्री पद को लेकर अपने पत्ते पूरी तरह खोल डाले हैं। शुक्रवार को दोनों पार्टियों के शीर्ष नेताओं ने केंद्र में भाजपा विरोधी गठबंधन की संभावना होने पर कांग्रेस के नेतृत्व को स्वीकार करने की गुंजाइश पूरी तरह खत्म कर डाली और अपने नेता को प्रधानमंत्री बनाने के लिए पूरा जोर लगा देने के इरादे स्पष्ट कर डाले।

खचाखच भरे ग्राउंड से नेता हुए गदगद

स्थानीय मैकेनिक नगर के मदरसा ग्राउंड में आज दोपहर बाद सपा-बसपा गठबंधन के शीर्ष नेताओं मायावती और अखिलेश यादव ने तीन संसदीय क्षेत्रों के प्रत्याशियों की संयुक्त सभा को संबोधित किया। इस दौरान विशाल मदरसा ग्राउंड को खचाखच भरा देख दोनों नेता काफी जोश में दिखे। लगभग ढ़ाई बजे पहले अलग हैलीकाप्टर से अखिलेश यादव पहुंचे। इसके पांच मिनट बाद मायावती का हैलीकाप्टर लैंड हुआ। मायावती के साथ उनके भतीजे आकाश आनंद और बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा भी थे।

कांग्रेस पर हमलावर रहीं बहनजी

25 मिनट के अपने भाषण में मायावती ने शुरूआत कांग्रेस पर हमले से की उन्होंने कहा कि आजादी के बाद काफी समय तक केंद्र में कांग्रेस की सरकारें रहीं जिन्होंने दलितों और पिछड़ों के लिए कुछ नहीं किया। अगर कांग्रेस ने सभी वर्गों का ख्याल रखा होता तो बहुजन समाज पार्टी बनने की नौबत ही नहीं आती।

प्रधानमंत्री की पिछड़ा पहचान पर प्रहार

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने ही आरक्षण की व्यवस्था के खिलाफ षड़यंत्र के खिलाफ प्राइवेट सैक्टर को बढ़ावा दिया है। मायावती ने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन्मजात पिछड़े नहीं हैं। मुलायम सिंह और अखिलेश यादव ने ही पिछड़ों को संगठित करने का काम किया है इसलिए वे पिछड़ा गौरव के प्रतिनिधि चेहरे हैं।

कांग्रेस और भाजपा दोनों ने किया सीबीआई का दुरुपयोग

मायावती ने कांग्रेस और भाजपा दोनों पर ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का आरोप लगाया। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी द्वारा चुनाव घोषण पत्र जारी न करने का भी बचाव किया। कहा कि उनका विश्वास गरीबों को नगद सहायता देने में न होकर सभी के लिए रोजगार की स्थाई व्यवस्था करने में है। उन्होंने भाषण का अंत करते-करते फिर एक बार दलित विरोधी पार्टियों को वोट न देने की इरादतन हुंकार भरी।

गौरतलब है कि कभी मायावती के खास सिपहसलार रहे पूर्व सांसद बृजलाल खाबरी को कांग्रेस ने इस बार अपना उम्मीदवार बनाया है। जिनके जरिए कांग्रेस मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का दावा कर रही है। माना जा रहा है कि मायावती ने इसी के मददेनजर दलितों को अपने भाषण में खास संदेश देने की कोशिश की है।

तीनों प्रत्याशियों का कराया परिचय

मायावती ने भाषण के अंत मे गठबंधन के तीनों प्रत्याशियों जालौन-गरौठा-भोगिनीपुर से अजय सिंह पंकज, झांसी-ललितपुर से श्याम सुंदर सिंह यादव और हमीरपुर-महोबा से दिलीप सिंह का परिचय मंच से लोगों से कराया। मायावती ने लगभग 28 मिनट मंच संभाला।

अखिलेश ने भी दोहराया मोदी फर्जी पिछड़े

उनके बाद सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी अपने भाषण में बुंदेलखंड की सोशल डेमोग्राफी को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिछड़े न होने का आरोप दोहराया। उन्होंने कहा कि वे कागजी पिछड़े हैं लेकिन हम लोग पैदाइशी पिछड़े हैं। अखिलेश ने कहा कि बुंदेलखंड वीरों की धरती है, यहां के लोगों से किया गया वायदा जब पूरा नही किया जाता तो लोग चुनाव में धोखेबाजों को सबक सिखा देते हैं। गुरुवार को बांदा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अगले पांच वर्षो में बुंदेलखंड में हर घर के लिए पानी के बंदोबस्त का एलान किया था। अखिलेश ने कहा कि अभी तक पांच वर्षों में इसके लिए उन्होंने कुछ क्यों नही किया।

उन्होंने कहा कि लोगों को प्रधानमंत्री के जुमले सुनते-सुनते पांच वर्ष बीत चुके हैं। फिर भी वे जुमलेबाजी से बाज नही आ रहे। उन्होंने भीड़ से पूंछा कि अब जुमलों का हिसाब आप लोग लोगों कि नहीं। तो भीड़ से जोरदार आवाजें आईं जरूर लेगें। भाजपा को भगाओगें या नहीं यह पूंछने पर भीड़ ने कहा कि जरूर भगायेंगे। इस बीच भीड़ चैकीदार चोर है के नारे लगाने लगी तो अखिलेश का जोश और बढ़ गया। उन्होंने कहा कि हम लोग असली चौकीदार के रूप में इस बार चुने जायेगें जो नकली चौकीदारों की चौकी छीन लेगें।

मुख्यमंत्री से मिलने आ रहे साड़

इसके बाद अखिलेश ने भाषण में हास-परिहास का रंग घोलते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के बाबा मुख्यमंत्री से जाने कौन-कौन लोग मिलने आ रहे हैं। गत दिनों उनकी सभा में सुरक्षा चक्र तोड़कर एक साड़ उनसे मिलने के लिए पहुंच गया। वह उन्हें अपनी तकलीफ सुनाना चाहता था। कल इसी धोखे में कन्नौज में उनसे भी मिलने एक साड़ आ गया तो हमने कहा कि हम बाबा नहीं हैं तब साड़ वापस लौटा।

अखिलेश ने कहा कि सीएम ने कहा कि कानून व्यवस्था ठीक नही हो रही तो ठोंक दों। इससे प्रेरणा लेकर संत कबीर नगर में उनके सांसद ने पार्टी के एक विधायक को ठोंक दिया। सांसद ने विधायक को 21 जूतों की सलामी दी। बाद में पता चला कि नही 11 जूतों की ही सलामी दी गई थी।

गठबंधन को वंचितों के सम्मान से जोड़ा

अखिलेश ने कहा कि वंचितों को संविधान के मुताबिक हक और सम्मान अभी तक नही मिला है। डा. लोहिया ने बाबा साहब के समय ही इस तरह का गठबंधन बनाने की कोशिश की थी। फिर नेताजी और कांशीराम जी ने ऐसी कोशिश की। अब मायावती जी के साथ हमने यह कोशिश की है।

उन्होंने कहा कि महागठबंधन की बुलंदी का श्रेय मायावती को है जिससे भाजपा की सांसे रुक गई हैं। इसके अलावा उन्होंने  कहा कि भाजपा नये भारत को बनाने की बात कह रही है। लेकिन नया भारत तब बनेगा जब चुनाव के बाद नया प्रधानमंत्री बनेगा और गठबंधन का नेता ही नया प्रधानमंत्री होगा। अखिलेश ने भी लगभग आधे घंटे भाषण दिया।

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