पॉलिटिकल डेस्क।
मध्य प्रदेश की राजनीति में बीजेपी नेता गोपाल भार्गव के बयान से हड़कंप मच गया है। दरअसल मध्य प्रदेश में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने दावा किया है कि ‘कमलनाथ सरकार अपने आप गिर जाएगी।
मैं खरीद-फरोख्त पर यकीन नहीं करता लेकिन इसका समय आ गया है और यह जल्द ही होगा। हम विधानसभा सत्र बुलाने के लिए गर्वनर को पत्र भेज रहे हैं।’
बीजेपी नेता और विधानसभा में नेता विपक्ष गोपाल भार्गव ने हालांकि इस बात से इनकार किया कि उन्होंने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग कमलनाथ सरकार के शक्ति परीक्षण के लिए की है।
भार्गव ने कहा, ‘6 महीने चुनाव को हो गए हैं। 11 दिसंबर को राज्य में विधानसभा चुनाव हुआ था। राज्य में लोग कमलनाथ सरकार खुश नहीं हैं।
चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजे भी साफ बता रहे हैं कि कांग्रेस के पास अब जनमत नहीं है। इस पर विधानसभा पर चर्चा होनी चाहिए। यह संभव है कि सत्र के दौरान स्पीकर से शक्ति परीक्षण की मांग की जाए।’
दूसरी ओर कमलनाथ सरकार ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी सरकार मजबूत है, बीजेपी दिन में सपने देखा बंद करे।’
ये है मध्य प्रदेश विधानसभा का गणित
बता दें, साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शिवराज सरकार को शिकस्त देकर सत्ता हासिल की थी। 230 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस को 114, बीजेपी को 109, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को 2, समाजवादी पार्टी (एसपी) को एक और निर्दलियों को 4 सीटों पर जीत मिली थी। बाद में बीएसपी और अन्य निर्दलीय विधायकों ने कमलनाथ सरकार को समर्थन देने का ऐलान किया था।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस बहुमत के आकड़े से 2 सीट पीछे है। वर्तमान में कमलनाथ की सरकार बीएसपी और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से चल रही है। वहीं लोकसभा चुनाव 2019 के बाद आए एग्जिट पोल के मुताबिक, एकबार फिर मोदी सरकार बनती नजर आ रही है। रजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि एग्जिट पोल के दावों के बाद छोटे दल एनडीए में शामिल हो सकते हैं। शायद यही वजह है कि गोपाल भार्गव ने कमलनाथ सरकार के शक्ति परिक्षण की मांग की है।