जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आज़म खां के लिए 19 मई काफी अहम तारीख है. ढाई साल से सीतापुर जेल में बड़ी संख्या में मुकदमों का बोझ ढो रहे आज़म खां की ज़मानत के मामले में 19 मई की सुबह सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनायेगी. आज़म खां की ज़मानत मामले में जस्टिस नागेश्वर राव, जस्टिस बी.आर. गवाई और जस्टिस एस. गोपन्ना न सिर्फ सुनवाई पूरी कर चुके हैं बल्कि उन्होंने फैसला भी सुरक्षित रख लिया है. सुबह साढ़े दस बजे देश की सर्वोच्च अदालत यह बतायेगी कि आजम खां जेल में ही रहेंगे या फिर ज़मानत पर बाहर आयेंगे.
आज़म खां रिहा नहीं हो पा रहे हैं क्योंकि एक तरफ विभिन्न मुकदमों में उनकी ज़मानत होती जा रही है तो दूसरी तरफ नए-नए मुक़दमे कायम भी होते जा रहे हैं. यूपी सरकार उन्हें आदतन अपराधी बताकर उनकी ज़मानत का विरोध कर रही है. आज़म खां की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने देश की सर्वोच्च अदालत के सामने आज़म खां का पक्ष रखा. कपिल सिब्बल ने अदालत से कहा कि वास्तव में आज़म खां राजनीतिक द्वेष का शिकार बनाये गए हैं.
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