जुबिली न्यूज डेस्क
मोहम्मद शमी, जो इन दिनों दुबई में टीम इंडिया के लिए चैंपियंस ट्रॉफी खेल रहे हैं, रमजान के महीने में रोजा न रखने के कारण विवादों का सामना कर रहे हैं। बरेली के मौलाना शहाबुद्दीन ने शमी की आलोचना करते हुए कहा कि रमजान के दौरान रोजा रखना इस्लाम में फर्ज है, और जो इसे नहीं रखता, वह गुनाहगार होता है। मौलाना ने शमी को नसीहत देते हुए कहा कि शरीयत के नियमों का पालन करना हर मुसलमान की जिम्मेदारी है और उन्हें इसका पालन करना चाहिए।
मोहम्मद शमी की टीम इंडिया में वापसी काफी समय बाद हुई है, क्योंकि वह फिटनेस समस्याओं के कारण लंबे समय तक टीम से बाहर रहे थे। लेकिन अब चैंपियंस ट्रॉफी में उन्होंने शानदार गेंदबाजी की है। शमी ने यह स्वीकार किया कि भारत के प्रमुख तेज गेंदबाज होने के कारण उन पर बड़ी जिम्मेदारी है।
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चोट से उबरकर वापसी करने वाले शमी ने चोटिल जसप्रीत बुमराह की गैरमौजूदगी में चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान हर्षित राणा या हार्दिक पंड्या के साथ नई गेंद संभाली है। अब तक, उन्होंने टूर्नामेंट में आठ विकेट लिए हैं। सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार विकेट लेकर टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई। शमी ने कहा, “मैं अपनी लय को फिर से हासिल करने की कोशिश कर रहा हूं और टीम के लिए अधिक योगदान देने की पूरी कोशिश कर रहा हूं, खासकर जब टीम में दो विशेषज्ञ तेज गेंदबाज नहीं हैं और मेरी जिम्मेदारी बढ़ गई है।”