जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार के बुल्डोजर वाले प्रयोग के खिलाफ मौलाना अरशद मदनी ने देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाज़ा खटखटाया है. मौलाना ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में काह है कि बीजेपी शासित राज्यों में अपराधों की रोकथाम के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ खतरनाक साजिश रची जा रही है. इस याचिका के ज़रिये सुप्रीम अदालत से यह अनुरोध किया गया है कि किसी का भी घर और दुकान न तोड़ी जाए.
मौलाना अरशद मदनी ने यह याचिका जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के बैनर पर दाखिल की है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि देश के सभी बीजेपी शासित राज्यों में अपराध रोकने के नाम पर मुसलमानों के खिलाफ बुल्डोजर का इस्तेमाल किया जा रहा है. जमीयत इस तानाशाही और क्रूरता के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गई है. जमीयत ने कहा है कि उनके पास अदालत के सिवाय कोई इदारा नहीं है जो मुसलमानों को इन्साफ दिला सके. सुप्रीम कोर्ट में इस मुकदमे की पैरवी जमीयत की तरफ से कानूनी इमदादी कमेटी के सचिव गुलज़ार अहमद आज़मी करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुल्डोजर की सियासत शुरू की थी. इसी रास्ते पर अब मध्य प्रदेश और गुजरात की सरकारें भी चल पड़ी हैं. जमीयत उलेमा-ए-हिन्द ने कहा है कि मध्य प्रदेश के खरगोन में राम नवमी के जुलूस केक दौरान पहले तो भड़काऊ नारे लगाकर माहौल बिगाड़ा गया और दंगा किया गया इसके बाद सरकार ने मुसलमानों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करते हुए उनकी दुकानों और घरों पर बुल्डोजर चला दिया.
कबीर दीक्षित एडवोकेट ने जमीयत की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका ऑनलाइन दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि देश भर में साम्प्रदायिकता का बर्बर खेल खेला जा रहा है. मौलाना अरशद मदनी ने कहा है कि धार्मिक उग्रवाद की काली आंधी पूरे देश में चलने लगी है. यह पूरी साज़िश अल्पसंख्यकों खासकर मुसलमानों को डराने के लिए की जा रही है. यह अजीब हाल है कि मुस्लिम इलाकों में मस्जिदों के सामने पुलिस की मौजूदगी में लाठी डंडे लहराकर दिल दहला देने वाले नारे लगाए जा रहे हैं. पुलिस सिर्फ तमाशा देख रही है. मुसलमानों का जीना दूभर हो गया है और सरकार खामोशी से पूरा तमाशा देख रही है.
मौलाना ने कहा कि ताज्जुब इस बात का है कि जो काम पहले अदालतों के आदेश के बाद होता था वह काम अब सरकारों के आदेश पर होने लगा है. सज़ा देने का अधिकार सरकार ने अपने हाथ में ले लिया है. घरों को गिराकर मौके पर ही फैसला कर देने की परम्परा बने जा रही है. हालात ऐसे बनाए जा रहे हैं कि देश में न अदालतों की ज़रूरत रह जाए और न जजों की. मध्य प्रदेश के खरगोन में पुलिस ने इसी तरह की कार्रवाई की है. यह कार्रवाई आपराधिक ढंग से की गई है. कानून का पालन करान अब सरकार का मकसद ही नहीं रह गया है. पुलिस और प्रशासन भी सरकार के वफादार बन गए हैं. वह संविधान के प्रति वफादारी नहीं निभा रहे हैं.
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