जुबिली स्पेशल डेस्क
उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर से “पोस्टर वॉर” ने जोर पकड़ा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव के बीच चल रहे इस पोस्टर वॉर ने चुनावी माहौल को और गर्मा दिया है। पोस्टर वॉर का यह सिलसिला न केवल राजनीतिक दलों के बीच खिंचाव को दिखाता है बल्कि मतदाताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत करने का एक प्रभावी तरीका भी बन गया है।
हाल के दिनों में दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर तीखे हमले करने के लिए पोस्टरों का सहारा लिया। भाजपा और सपा के नेताओं के साथ उनके समर्थकों ने अपने-अपने तरीके से मुद्दों को पोस्टरों के माध्यम से जनता तक पहुंचाने की कोशिश की है। ये पोस्टर वॉर सामाजिक मीडिया पर भी वायरल हो रहे हैं, जिससे जनता के बीच चर्चाएं और बहस बढ़ गई हैं।
योगी और अखिलेश यादव के समर्थक पोस्टर वार को लगाातर हवा दे रहे हैं। अब ताजा मामला एक बार फिर लखनऊ में तब देखने को मिला जब समाजवादी पार्टी के कार्यालय के बाहर लगाए एक और पोस्टर ने सूबे की राजनीति में एक बार फिर हलचल पैदा कर दी।
इस पोस्टर पर गौर करें तो यहां एक बार फिर सीएम योगी के नारे का पलटवार करते हुए पोस्टर लगवाया गया है, और ये चर्चा में आ गया है। इसमें ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ का जवाब दिया गया है. होर्डिंग पर लिखा है- ‘मठाधीश बांटेंगे और कांटेंगे…
पीडीए जोड़ेगी और जीतेगी।’ सपा कार्यालय के बाहर अखिलेश यादव की तस्वीर के साथ ये पोस्टर पार्टी के नेता अमित चौबे की ओर से लगवाया गया है, जोकि महराजगंज जिले की फरेंदा सीट से दावेदारी कर रहे हैं।
इस पोस्टर के माध्यम से योगी पर जोरदार वार करने की कोशिश की गई है। ऐसा नहीं है कि सपा ही पोस्टर लगा रही है बल्कि हाल ही में निषाद पार्टी ने सपा-भाजपा और सीएम आवास समेत लखनऊ में कई जगहों पर पोस्टर लगाए थे, जिसमें लिखा था- ‘सत्ताईस का नारा, निषाद है सहारा। उनका पोस्टर निषाद वोटर्स को लेकर था।
भाजपा का पक्ष: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने कानून व्यवस्था और विकास के मुद्दों को प्राथमिकता दी है।
पोस्टरों के माध्यम से भाजपा ने सपा शासनकाल के दौरान कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को उजागर करने की कोशिश की है। भाजपा के पोस्टरों में ‘माफियाराज’ और ‘गुंडाराज’ का मुद्दा प्रमुखता से दिखता है, जिससे यह दर्शाया जा सके कि योगी सरकार ने अपराधियों पर नकेल कसी है।
सपा का जवाब: अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने अपने पोस्टरों में भाजपा के विकास के दावों को झूठा बताते हुए बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की समस्याएं, और महिलाओं की सुरक्षा जैसे मुद्दों को उठाया है। सपा अपने पोस्टरों में यह संदेश देने की कोशिश कर रही है कि भाजपा की नीतियाँ सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के लिए हैं, आम जनता के लिए नहीं।
योगी और अखिलेश के बीच चल रहा यह पोस्टर वॉर उत्तर प्रदेश की राजनीति का नया आयाम बन चुका है। पोस्टरों के माध्यम से दोनों दल एक-दूसरे को घेरने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, और यह चुनावी माहौल को और रोचक बना रहा है। इस पोस्टर वॉर से यह भी साफ है कि उत्तर प्रदेश का आगामी चुनाव दिलचस्प और चुनौतीपूर्ण होने वाला है।