उत्तर प्रदेश के मेरठ सदर इलाके में एक अफवाह के चलते करीब 100 से ज्यादा झुग्गियां फूंक दी गई। पुलिस ने कई उपद्रवी को हिरासत में लेकर मामले की जांच शुरू कर दी है। आखिरकार आग कैसे और किसने लगाई, लेकिन मामला तूल न पकड़े इसको देखते हुए प्रशासन ने इलाके की इंटरनेट सेवा को कुछ देर के लिये बंद कर रखा है।
खबरों की माने तो मेरठ शहर को दंगे की आग में झुलसाने की बड़ी साजिश की गई थी। हालांकि, मेरठ में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है।
अफवाह से फैली हिंसा
मेरठ के सदर थाना क्षेत्र की भूसा मंडी में कैंट बोर्ड की टीम पुलिस के साथ अवैध निर्माण हटवाने गई थी तभी ये अफवाह फैल गई कि बोर्ड और पुलिस की टीम अवैध वसूली के मकसद से पहुंची है।
इसके बाद इलाके के लोगों और पुलिस के बीच कहासुनी शुरू हो गई। बात इतनी बिगड़ गई कि लोगों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इलाके के लोगों का ये भी आरोप है कि पुलिस की टीम ने ही इलके में आग लगा दी।
100 से ज्यादा झुग्गियां जल कर राख
झुग्गियों में मौजूद गैस सिलेंडरो ने आग में घी का काम किया और देखते ही देखते यहां करीब 100 से ज्यादा झुग्गियां जल कर राख हो गई। इस दौरान एक धर्मिक स्थल सहित कई झुग्गियां आग की भेंट चढ़ चुकी थी।
गुस्साई भीड़ सड़कों पर पहुंच गई और कई वाहनों को जला दिया। जिसके बाद मामले की गम्भीरता को देखते हुए आस-पास के इलाकों से पुलिस बल और एनडीआरएफ की टीम को बुलाया।
फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। आरोप ये भी है कि गुस्साई भीड़ ने कैंट बोर्ड के एक कर्मचारी को पीट दिया और फैंटम पुलिस के सिपाही सतेंद्र से वायरलेस छीन लिया। बवाल बढ़ने की सूचना पर पहुंची सदर थाने की पुलिस से भी हाथापाई हुई। इसके बाद बवाल बढ़ता ही चला गया।