जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. अफगानिस्तान में बढ़ती भुखमरी की वजह से बाल विवाह के साथ ही बच्चो को बेच दिए जाने के मामले प्रकाश में आये हैं. हालत यह हो गई है कि भविष्य में शादी के नाम पर सिर्फ 20 दिन की बेटी के लिए दहेज का पैसा ले लिया गया. लोग इतने मजबूर हैं कि उनके पास खाने का सामान तो दूर पीने के लिए साफ़ पानी भी नहीं बचा है. ऐसे में उनके बच्चे ही उनका सहारा बचे हैं जिन्हें बेचकर या बहुत कम उम्र में उनकी शादी कर कुछ पैसे कमाए जा सकते हैं.
यूनिसेफ की पड़ताल में यह बात सामने आयी है कि अफगानिस्तान के हेरात और बग्दीस प्रान्त में साल 2018 और 2019 के बीच 183 ऐसे बच्चो की शादियाँ की गईं जिनकी उम्र छह महीने से लेकर सत्रह साल के बीच थी. इसके अलावा दस मामले ऐसे मिले जिसमें पैसों के एवज़ में बच्चो को बेच दिया गया. यूनिसेफ की पड़ताल में सामने आया है कि भविष्य में शादी के वादे के साथ सिर्फ 20 दिन की बच्ची के नाम पर पैसे ले लिए गए.
अफगानिस्तान में लोग ज़बरदस्त गरीबी से जूझ रहे हैं. उनके पास पेट भरने के लिए जब कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है तो वह अपनी नाबालिग लड़कियों की शादी के लिए तैयार होने लगे हैं. अफगानिस्तान में इधर किशोर लड़कियों को स्कूल जाने की इजाजत ही नहीं मिली है तो ऐसे में उनके लिए कम उम्र में शादी का डर और भी ज्यादा हो गया है क्योंकि अब माँ-बाप के सामने भी यह हथियार नहीं बचा है कि वह यह कह सकें कि अभी तो लड़की पढ़ रही है.
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