ओम दत्त
कोरोना का खतरा बढ़ रहा है, घरों में ही रहें, बहुत आवश्यक होने पर ही घर से बाहर जाएं, का सरकार लगातार प्रचार कर रही है लेकिन इसके बाद भी एमबीबीएस के छात्रों के स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए यूपी के मेडिकल एजूकेशन विभाग ने 29 जून से मेडिकल कालेजों में पढ़ाई शुरू करने का आदेश जारी कर दिया जिसने एमबीबीएस के छात्रों और उनके अभिभावकों को मुश्किल में डाल दिया है।
इससे भी बड़ी बात कि छात्रों को कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट भी साथ लाने को कहा गया है नहीं तो घर वापस जाना होगा। इस आदेश से होने वाली परेशानी और कोरोना संकट को छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी बताया है और कालेज न खोलने की बात की है जिसका समर्थन इण्डियन मेडिकल एसोशियेशन ने भी किया है और मुख्यमंत्री से कालेज न खोलने की गुहार लगायी है।
कालेज खुलने के लिये सरकार का क्या है आदेश और शर्त –
उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 20 जून को अपने आदेश संख्या 780/71-04-2020 में कहा है कि 29 जून से एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू कर दी जाए। साथ ही यह भी फरमान जारी किया है कि स्टूडेण्ट अपना कोरोना टेस्ट रिपोर्ट की हार्ड कापी भी साथ लायें नहीं तो उन्हें वापस घर भेज दिया जायेगा।
कोरोना से संक्रमित होने का है डर और फिर कहां से कराये कोविड टेस्ट-
इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन सहित अन्य चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई और अगस्त के महीने में कोरोना और अपना विकराल रूप लेगा, ऐसे में दूर दराज से यात्रा करना संक्रमण के खतरे को बढ़ा देगा। दूसरी बात ये कि कई छात्र गम्भीर रोग से ग्रसित हो सकते हैं या फिर कई का इम्यून सिस्टम कमजोर है जो आसानी से संक्रमण की चपेट में आयेंगे।
नहीं संभव है कोविड टेस्ट कराना-
छात्रों का कहना है कि कई छात्र गांवों से आयेंगे तो कई दूर दराज के ऐसे इलाकों से जहां कोरोना टेस्ट कराना आसान नहीं होगा। आसाम, बंगाल जैसे दूरस्थ इलाकों से आने वाले छात्र सार्वजनिक यातायात के साधनों से आयेंगे तो क्या गारंटी है कि वह रास्ते में संक्रमण से बच ही जाएं।
इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन ने पुनर्विचार की है मांग-
इसीलिये इण्डियन मेडिकल एसोसियेशन की उत्तर प्रदेश की इकाई ने दिनांक 24 जून को मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर बताया है कि जुलाई और अगस्त में कोविड-19 का प्रकोप और बढ़ेगा और मेडिकल कालेज खोलने से खतरा और बढ़ जायेगा इसलिये छात्रों के साथ साथ अभिभावक गण भी भेजने को लेकर चिन्तित हैं। इसलिये इस पर पुनर्विचार किया जाय। समाधान निकालने की गुहार लगायी है। उनका कहना है कि कि अभी मेडिकल कालेज न खोले जाएं।
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सोशल मीडिया पर छात्रों ने कालेज न खोलने के लिये चलाया हस्ताक्षर अभियान-
सोशल मीडिया पर अब तक मेडिकल के 5000 छात्र और अभिभावक कालेज न खोलने के लिये हस्ताक्षर अभियान में शामिल हुये हैं। इन्होंने कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिये आनलाइन पढ़ाई और वीडियो के सहारे प्रैक्टिकल कराने की भी बात रखी है।
Stop the reopening of Medical Colleges in Uttar Pradesh before the pandemic is over
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