Monday - 28 October 2024 - 5:18 PM

भारतीय रुपये में व्यापार करना चाहते हैं कई देश, जानें क्या है वजह

जुबिली न्यूज डेस्क

भारत के रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार करने की प्रक्रिया यानी डॉलर और अन्य बड़ी मुद्राओं की जगह रुपया इस्तेमाल करने का तरीका अन्य कई देशों को पसंद आ रहा है. दुनिया के कई देशों ने इस संबंध में भारत से संपर्क किया है ताजिकिस्तान, क्यूबा, लग्जमबर्ग और सूडान समेत कई देशों ने भारत से यह जानने के लिए बातचीत शुरू की है कि वह डॉलर या दूसरी बड़ी मुद्राओं को छोड़ भारतीय करंसी में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन कैसे कर रहा है. आइए जानें

रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे

आधिकारिक सूत्रों के हवाले से खबर  है कि, जब यूक्रेन युद्ध शुरू होने पर रूस पर वित्तीय प्रतिबंध लगे थे, तब रूस और भारत ने इस प्रक्रिया से ही कारोबार शुरू किया था.भारतीय रिजर्व बैंक ने जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू की थी. उद्योग जगत की एक हवाले से खबर है कि अब भारत सरकार ऐसे देशों को भी इस प्रक्रिया के तहत लाने की कोशिश कर रही है जिनके पास डॉलर यानी अमेरिकी मुद्रा की कमी है. फिलहाल यह मामला अभी गोपनीय है. भारतीय वित्त मंत्रालय और आरबीआई ने इस संबंध में पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिए.

चार देशों ने भारत में खाता खोलने में दिखाई दिलचस्पी 

एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कम से कम चार देशों ने भारत में रुपये में खाता खोलने में दिलचस्पी दिखाई है. इन खातों को वोस्तरो अकाउंट कहा जाता है. हालांकि भारत के बैंकों ने अभी उन देशों को ये सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं. इन खातों को खोलने के लिए रिजर्व बैंक से इजाजत लेनी होती है.

कई और देश इच्छुक

आपको बता दे कि मॉरिशस और श्रीलंका ने भी इस प्रक्रिया में दिलचस्पी दिखाई है. उनके वोस्तरो खातों को तो रिजर्व बैंक ने मंजूरी भी दे दी है. दस्तावेजों के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक ने 12 वोस्तरो खाते मंजूर किए हैं, जो रूस के साथ रुपये में कारोबार के लिए खोले गये हैं. छह अन्य खाते श्रीलंका और मॉरिशस के लिए हैं. इनमें से श्रीलंका के लिए पांच खाते हैं.

भारत कई अन्य बड़े व्यापारिक साझीदारों के साथ भी डॉलर की जगह रुपये में व्यापार करने की कोशिश कर रहा है. इनमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात जैसे देश शामिल हैं जिनसे भारत बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है. एक सरकारी अधिकारी के मुताबिक यूएई और भारत के केंद्रीय बैंक रुपया-दिरहम व्यापार व्यवस्था के लिए प्रक्रिया स्थापित करने पर बातचीत कर रहे हैं. सऊदी अरब के साथ रुपया-रियाल व्यापार प्रक्रिया की भी तैयारी की जा रही है.

कैसे काम करती है व्यवस्था

इसी साल भारतीय रिजर्व बैंक ने भारतीय मुद्रा में उपलब्ध किसी भी संपत्ति को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करने की इजाजत दे दी थी. आरबीआई ने मार्च में ही भारतीय व्यापारियों को रूस के साथ रुपये में कारोबार करने की इजाजत दे दी थी. भारतीय मुद्रा में अंतरराष्ट्रीय व्यापार करने से भारत को अपना निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी और वह उन देशों के साथ भी व्यापार कर सकता है जिन पर अंतरराष्ट्रीय वित्तीय प्रतिबंध लगे हैं. मसलन, रूस से तेल खरीदने के लिए भारतीय व्यापारियों ने रुपये में भुगतान किया.

ये भी पढ़ें-‘मेरे बालम थानेदार’ गाने पर थानेदार ने लगाए ठुमके, VIDEO हुआ वायरल

इससे भारत कम दाम में तेल खरीद पाया. इस व्यवस्था के तहत आयात और निर्यात करने वाले व्यापारी एक विशेष वोस्तरो खाता खोलते हैं, जो साझीदार देश के किसी बैंक के साथ जुड़ा होता है. वोस्तरो खाता साझीदार देश का बैंक भारत में किसी बैंक में खोलता है. व्यापारी को जितना भुगतान करना होता है, वह इस खाते में रुपयों में जमा कर देता है. उस रुपये को साझीदार देश किसी से भी रुपये में कारोबार करने में इस्तेमाल कर सकता है.

ये भी पढ़ें-GOOD NEWS ! प्रणव रस्तोगी बने उत्तर प्रदेश अंडर 9 आयु वर्ग के चैम्पियन

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com