गोवा। गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर का लम्बी बीमारी के बाद रविवार शाम को निधन हो गया है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर यह दुखद जानकारी दी। मनोहर पर्रिकर को उनकी सादगी भरे जीवन के लिए जाना जाता था। उनके निधन पर पार्टी नेताओं के साथ ही विपक्षी नेताओं ने भी दुःख व्यक्त करते हुए देश के लिए बड़ी क्षति बताया है।
एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे पर्रिकर
बता दें कि पर्रिकार लम्बे समय से एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। पैंक्रियाटिक को हिंदी में अग्नाशय कहते हैं। खाना पचाने में जो अंग लगे होते हैं उनमें से एक होता है ये। छोटी आंत का पहला हिस्सा। इसमें हॉर्मोन बनते हैं। इंसुलिन यहीं बनता है और इसी में गड़बड़ी पर डायबिटीज होती है। इसके अलावा पैनक्रिअस में खराबी के चलते गैस की बीमारी और पैंक्रियाटाइटिस वगैरह भी हो सकते हैं। पैंक्रियाटाइटिस यानी अग्नाशय में सूजन, जिसके चलते पेट में जोर का दर्द होता है और कभी कभी उल्टी भी।
राजनीतिक सफ़र
गोवा के मुख्मयंत्री मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 सितंबर 1955 में हुआ था। इनका पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्ण प्रभु पर्रिकर था। पर्रिकर ने आईआईटी मुंबई से 1978 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। वे भारत के पहले आईआईटी से स्नातक मुख्यमंत्री थे। पर्रिकर को 2001 में आईआईटी मुंबई ने विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की गयी थी।
पर्रिकर अपनी युवास्था में ही आरएसएस से जुड गए थे। वहीं वह रामजन्म भूमि आंदोलन और राज जन्म भूमि क्रांति से भी जुड़े. 1988 में भाजपा में शामिल हुए।
इसके बाद 1994 में गोवा राज्य के विधानसभा के सदस्य चुने गए। 1994 से 2001 तक गोवा राज्य के भाजपा सचिव और प्रवक्ता के रूप में काम किया। 24 अक्टूबर 2000 को पहली बार गोवा के सीएम की ज़िम्मेदारी संभाली पर वे अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।
उन्होंने 7 फरवरी 2002 को राज्य के सीएम पद से त्यागपत्र दे दिया। 5 जून 2002 को दोबारा राज्य की कमान संभाली, लेकिन चार विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद उनके 5 साल का कार्यकाल खतरे में पड़ गया था। 2007 जून में वह राज्य की पांचवी विधानसभा के विपक्ष के नेता चुने गए। मार्च 2012 में उन्हें फिर गोवा का सीएम चुना गया, लेकिन इस बार 2014 में केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार बनने के बाद पर्रिकर ने भारत के रक्षा मंत्री का दायित्व संभाला।
पर्रिकर के कार्यकाल के दौरान हुई सर्जिकल स्ट्राइक
पर्रिकर के इसी कार्यकाल के दौरान भारतीय सेना पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक को सफलता पूर्वक अंजाम दिया था। जिसके बाद उनका बीमारी के बाद एक वीडियो भी सामने आया था जिस्मने वो पूछ रहे थे कि, ‘हाउ इज द जोश’। उनके इस सवाल का जवाब लोग दे रहे थे ‘हाई सर’ बोलकर।