जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने बगावती रुख अख्तियार करते हुए बीजेपी से इस्तीफ़ा दे दिया है और गोवा की पणजी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया है. बीजेपी के बड़े नेता हालांकि उत्पल को मनाने में लगे हैं लेकिन उत्पल को देखकर लगता नहीं है कि वह मानेंगे.
गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर पणजी सीट से चुने जाते रहे हैं. वह काफी लोकप्रिय मुख्यमंत्री थे. 2019 में अपने निधन के समय वह इसी सीट से विधायक थे, उनके निधन के बाद बीजेपी ने इस सीट से बाबुश मोनसेराटे को टिकट दिया था. वही इस सीट से मौजूदा विधायक हैं और उन्हीं को बीजेपी ने रिपीट किया है. इस सीट से उत्पल ने अपने लिए टिकट माँगा था लेकिन बीजेपी ने यह कहकर इनकार कर दिया कि बाबुश कांग्रेस के दस विधायकों को तोड़कर बीजेपी में लाये थे इसलिए टिकट तो उन्हीं को मिला है. उत्पल को बीजेपी ने गोवा की दो सीटें बताईं और कहा कि वह इनमें से कोई एक एक सीट चुन लें इस पर उत्पल ने यह कहकर इनकार कर दिया कि पणजी उनके पिता की सीट है और वह उसी सीट से ही चुनाव लड़ेंगे.
पणजी सीट पर पहली बार मनोहर पर्रिकर पहली बार 1994 में चुनाव जीते थे. 2014 में केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार में उन्हें देश का रक्षामंत्री बनाया गया तो वह पणजी सीट से इस्तीफ़ा देकर चले गए थे लेकिन 2017 में वह यहाँ से फिर चुनाव लड़े और जीते लेकिन 2019 में कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था.
मनोहर पर्रिकर ने अपने दोनों बेटों उत्पल और अभिजीत को खूब पढ़ाया लेकिन राजनीति से दूर रखा. उत्पल अमेरिका की मिशिगन यूनीवर्सिटी से पढ़े हैं. उनकी पत्नी उमा ने भी अमेरिका से पढ़ाई की है. अब जब मनोहर पर्रिकर नहीं हैं तो उत्पल उनकी सीट से ही चुनाव लड़कर राजनीति का सफ़र शुरू करना चाहते हैं.
उत्पल पर्रिकर पणजी सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा है कि पणजी के लोग उनके साथ हैं. मैं उन मूल्यों के लिए चुनाव लड़ रहा हूँ जिनके साथ मेरे पिता खड़े थे. विधायक या मंत्री बनने की मुझे चाह नहीं है. मेरी पार्टी मेरी बात सुनने को तैयार नहीं है तो निर्दलीय लड़ने का जोखिम ले रहा हूँ.
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