पॉलिटिकल डेस्क
गोवा में लंबे समय तक बीजेपी के संकट मोचक रहे सीएम मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद अब राज्य सरकार संकट के बादल मंडराने लगे हैं। इस बीच कांग्रेस विधायक दल ने गोवा के राज्यपाल मृदुला सिन्हा के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है। कांग्रेस ने राज्यपाल को चिट्ठी सौंप कर खुद को सबसे बड़ा दल बताया है।
वहीं, दिल्ली से गोवा पहुंचे नितिन गडकरी की छह घंटे की मैराथन बैठक बेनतीजा रही। बीजेपी नेतृत्व के सामने बड़ी समस्या सहयोगी दलों और निर्दलीय विधायकों को साथ रखना है।
पर्रिकर को समर्थन, बीजेपी सरकार नहीं
गौरतलब है कि मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को गोवा फारवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) और निर्दलीय विधायकों का समर्थन हासिल है, लेकिन कई निर्दलीय विधायकों का कहना है कि हमने मनोहर पर्रिकर को समर्थन दिया था बीजेपी सरकार को नहीं।
गठबंधन की सरकार के साथ गोवा में आगे बढ़ रही बीजेपी के लिए पर्रिकर हमेशा एक अहम नेता रहे हैं। गोवा में भाजपा में उनके कद का कोई और नेता नहीं दिखता है। ऐसे में बीजेपी के सामने ऐसे चेहरे को सामने लाने की चुनौती है, जिसे सभी सहयोगी दल और निर्दलीय विधायक भी पसंद करें।
इस बीच सूत्रों की माने तो प्रमोद सावंत का नाम मुख्यमंत्री बनने की रेस में सबसे आगे चल रहा है। प्रमोद सावंत गोवा विधानसभा के अध्यक्ष हैं और बीजेपी से विधायक हैं।
संख्याबल का गणित
गोवा विधानसभा में कांग्रेस के पास इस समय 14 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास अब 12 विधायक ही रह गए हैं। बीजेपी के पास 40 सीटों वाली विधानसभा में जीएफपी व एमजीपी के 3-3 और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन है, जबकि एक विधायक एनसीपी का है।
इस साल की शुरुआत में भाजपा विधायक फ्रांसिस डिसूजा और अब परिकर के निधन तथा कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए दो विधायकों सुभाष शिरोडकर व दयानंद सोप्टे के इस्तीफों के बाद सदन में संख्याबल 36 रह गया है।
बताते चले कि पणजी विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद इस सीट पर उपचुनाव होगा। यह गोवा में चौथा उपचुनाव होगा। 23 अप्रैल को शिरोडा, मांडरेम और मापुसा विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव होने हैं। इन सीटों के लिए उपचुनाव राज्य में होने वाले लोकसभा चुनाव के साथ होंगे।