जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार दिल्ली के पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को कोर्ट से एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है।
दरअसल निचली कोर्ट ने उनको जमानत देने से मना कर दिया है। अब जब निचली कोर्ट से उनकी जमानत याचिका खारिज हो गई है तो अब मनीष सिसोदिया दिल्ली हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
बता दे कि ईडी ने कोर्ट को बताया था कि होलसेल बिजनेस कुछ निजी लोगों को दिया गया। होलसेलर को 12 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन दिया गया जो एक्सपर्ट कमेटी की राय से अलग था। इस पर जज ने सवाल किया कि प्रॉफिट मार्जिन कितना होना चाहिए। ईडी के वकील ने बताया कि यह 6 प्रतिशत होना चाहिए। हमारे पास इस बात की सामग्री उपलब्ध है कि ऐसा गिरफ्तार आरोपी (सिसोदिया) के कहने पर किया गया. इसलिए सिसोदिया की रिमांड जरूरी है।
ईडी के वकील ने बताया कि शराब की बिक्री का लाइसेंस देने के लिए तय व्यवस्था का भी उल्लंघन हुआ. कार्टेल बनाए गए. चुनिंदा लोगों को लाभ पहुंचाया गया. आरोपी से जुड़े CA ने भी कुछ बातों का खुलासा किया है। ईडी ने कहा, सिसोदिया ने जांच में सहयोग नहीं किया।
जज ने सवाल किया कि आप कैसे कह सकते हैं कि 12 प्रतिशत प्रॉफिट मार्जिन की सिफारिश GOM ने की थी. इस पर ईडी ने जवाब में कहा कि एक्साइज कमिश्नर व कुछ और लोगों ने यह बताया है. सेक्रेट्री के बयान से भी इसकी पुष्टि हुई है।