जुबिली न्यूज डेस्क
कानुपर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत का मामला तूल पकड़़ता जा रहा है। पुलिस झूठी कहानी गढऩे में लगी हुई है और सुबूत चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं कि मनीष की मौत गोरखपुर पुलिस की पिटाई की वजह से हुई है।
मनीष गुप्ता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने भी गोरखपुर पुलिस द्वारा बताई गई झूठी कहानी की पोल खोलकर रख दी है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि मनीष के सिर, चेहरे और शरीर पर गंभीर चोट के निशान हैं।
पीएम रिपोर्ट के अनुसार मनीष के सिर के अगले हिस्से पर तेज प्रहार किया गया जिससे उनके नाक के पास से खून बह रहा था। हालांकि, पुलिस ने घटना के बाद अपने पहले बयान में इसे हादसे में हुई मौत बताया था।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था, अपराधियों की चेकिंग के दौरान थाना रामगढ़ताल की पुलिस एक होटल में गई। वहां पर एक कमरे में तीन युवक संदिग्ध अलग-अलग शहर को आए थे। इस सूचना पर पुलिस ने होटल मैनेजर को साथ में लेकर कमरे की चेकिंग करने गई जहां पर हड़बड़ाहट में एक युवक (मनीष) की कमरे में गिरने से चोट गई। इसके बाद पुलिस ने तत्काल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
मालूम हो कि मनीष गुप्ता अपने दो दोस्त हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ सोमवार सुबह गोरखपुर घुमने गए थे। यहां ये लोग होटल कृष्णा पैलेस के रूम नंबर 512 में ठहरे थे।
वहीं मौके पर मौजूद हरदीप ने बताया था कि सोमवार रात 12:30 बजे पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष को सोते हुए जगाया तो उन्होंने पूछा इतनी रात में चेकिंग किस बात की हो रही है। क्या हम आतंकी हैं? इस पर पुलिस वालों ने उसे पीटना शुरू दिया। इसके बाद घायल मनीष को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
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53 घंटे बाद हुआ मनीष का अंतिम संस्कार
मनीष गुप्ता का अंतिम संस्कार मौत के 53 घंटे बाद गुरुवार सुबह हुआ। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने को अड़े पीडि़त परिजन मनीष का अंतिम संस्कार नहीं कर रहे थे। फिर, बुधरात देर रात कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण समेत कई आला अधिकारी मनीष के घर पहुंचे और उनकी पत्नी मीनाक्षी से बात की।
इस दौरान असीम अरुण ने कहा कि गुरुवार को परिवार की मुख्यमंत्री से मुलाकात कराई जाएगी, जिसके बाद पीड़ित परिजनों मनीष के अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए।
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