जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। मणिपुर में इस वक्त काफी तनाव है। दरअसल यहां पर 3 मई को आदिवासी आंदोलन में भडक़ी हिंसा अब बड़ा रूप लेती हुई नजर आ रही है।
आदिवासी आंदोलन में अब तक 52 लोगों की जिदंगी खत्म हो गई है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को हिंसा को लेकर सभी पार्टियों की बैठक बुलाई। इस दौरान सुरक्षाबलों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर राज्य की स्थिति पर बात की और जल्द ही हिंसा खत्म कर प्रदेश में शान्ति कायम करने को बोला है।
मणिपुर सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने कहा कि राज्य में अनुच्छेद 355 को लागू नहीं किया गया है। ऐसा कुछ तत्वों द्वारा भ्रम पैदा किया गया है। अनुच्छेद 355 के तहत यह प्रावधान है कि बाहरी आक्रमण या आंतरिक अशांति की स्थिति में केंद्र सरकार राज्य की रक्षा का उपाय करे।
उधर कांग्रेस ने मौजूदा सरकार पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अपील की है। इतना ही नहीं मौजूद सरकार के असफल होने का बड़ा आरोप लगाया है।
उधर, राज्य की आयरन लेडी इरोम शर्मिला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से राज्य में आने की अपील की है।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, “मणिपुर में जारी हिंसा के बीच सभी सही सोच वाले भारतीयों को खुद से पूछना चाहिए कि उस बहुप्रचारित सुशासन का क्या हुआ जिसका हमसे वादा किया गया था। अपने राज्य में बीजेपी को सत्ता में लाने के एक साल बाद ही मणिपुर के वोटर बहुत छला हुआ महसूस कर रहे हैं। यह राष्ट्रपति शासन का समय है। राज्य सरकार उस काम में सक्षम नहीं है, जिसके लिए उसे चुना गया था।”
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाने की बात कही है। उन्होंने बताया कि सरकार और अन्य पार्टियों से बात की है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कर्फ्यू में आंशिक रूप से ढील दी जाएगी।