जुबिली स्पेशल डेस्क
मणिपुर के जिरीबाम जिले में तीन शवों के मिलने के बाद राज्य में हिंसा और आक्रोश एक बार फिर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं इंफाल घाटी के कई इलाकों में लोगों ने जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन किया है।
वहीं शवों को लेकर कहा जा रहा है कि जिरीबाम से लापता हुए लोगों का ही ये शव है। इनमें एक महिला और दो बच्चे के शव है। शवों की बरामदी के बाद लोगों का गुस्सा भडक़ गया और लोग सडक़ पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया है।
इस बीच मणिपुर में शनिवार शाम को फिर से अशांति देखी गई, जब भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास में घुसने की कोशिश की। राज्य सरकार ने हाल में ही इंफाल में कर्फ्यू लगा दिया है।
यहां तीन लोगों की हत्या के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के मद्देजनर छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर कर दी हैं। प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर हमला किया था, जिसके बाद ये विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
स्थानीय बाजारों और दुकानों को पूरी तरह से बंद रखा गया। आनन-फानन में इंफाल में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई। मणिपुर की राजधानी इंफाल में कफ्यू लगा दिया गया है। राज्य सरकार ने इस हिंसा के बाद शनिवार (16 नवंबर 2024) को स्कूलों और कॉलेजों को बंद कर दिया।
मणिपुर में मई 2023 से शुरू हुए जातीय संघर्ष के कारण राज्य में शांति व्यवस्था गंभीर रूप से प्रभावित हुई है। यह हिंसा मुख्य रूप से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच आरक्षण और भूमि अधिकारों को लेकर भड़की। मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने पर विचार करने की सिफारिश के बाद हालात बिगड़ गए, क्योंकि कुकी और नागा समुदायों ने इसका विरोध किया। इसके बाद हिंसा की घटनाओं ने तेजी से राज्य को प्रभावित किया