जुबिली स्पेशल डेस्क
माणिक साहा ने त्रिपुरा के नये मुख्यमंत्री के तौर पर रविवार को शपथ ले ली है। इसके साथ ही वो राज्य के 11वें मुख्यमंत्री बन गए है। साहा कांग्रेस छोडक़र 2016 में बीजेपी में आ गए थे और माणिक को चार साल बाद 2020 में प्रदेश पार्टी अध्यक्ष के तौर पर काम किया।
बता दे कि कल बिप्लब देब के इस्तीफे के बाद अगरतला पहुंचे बीजेपी पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में हुई विधायक दल की बैठक माणिक साहा को विधायक दल का नेता चुना गया और उनका मुख्यमंत्री बनना तय हो गया था ।
बिप्लब देब भी मुख्यमंत्री बनने से पहले त्रिपुरा प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष थे। बिप्लब ने चार साल त्रिपुरा की सरकार चलाई और अब जब अगले साल विधानसभा चुनाव होना है तो राज्य में नया मुख्यमंत्री बना दिया गया।
Agartala | Manik Saha takes oath as the Chief Minister of Tripura pic.twitter.com/Tdpg8XxLiu
— ANI (@ANI) May 15, 2022
यह भी पढ़ें : त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने दिया इस्तीफ़ा
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : सौगंध मुझे इस मिट्टी की मैं देश नहीं बिकने दूंगा
मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफ़ा देने के बाद बिप्लब देब ने कहा कि वह बीजेपी के निष्ठावान कार्यकर्ता हैं. मुझे जो ज़िम्मेदारी मिली मैंने उसके साथ न्याय किया। बीजेपी का अध्यक्ष बनाया गया तो पार्टी को राज्य के कोने-कोने तक ले गया और मुख्यमंत्री बनाया गया तो राज्य में विकास की गंगा बहाई। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा यही मकसद रहा कि हमारे राज्य का विकास हो और राज्य में अमन और शान्ति बनी रहे।
बीजेपी ने बिप्लब को मुख्यमंत्री बनाया था क्योंकि उन्हीं के नेतृत्व में बीजेपी ने वाम मोर्चे की 25 साल पुरानी सरकार को विदा किया था. बिप्लब को लेकर अब पार्टी में असंतोष के स्वर सुने जाने लगे थे।
चुनाव से पहले उन्हें हटाकर नया मुख्यमंत्री बनाने का संकेत केन्द्रीय नेतृत्व ने पहले ही दे दिया था. इसी वजह बिप्लब ने समय रहते इस्तीफ़ा दे दिया। चुनाव से पहले बीजेपी यूं भी मुख्यमंत्री बदलने का प्रयोग करती ही रहती है. अभी हाल में उत्तराखंड में भी यही हुआ था।