जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम नीं ले रही। चुनाव सिर पर है और उनके नेताओं की बदजुबानी थम नहीं रही।
एक ओर टीएमसी छोड़ कर नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला अब तक नहीं थमा है तो वहीं दूसरी ओर नेताओं के उल-जुलूल बयान ममता की मुश्किलें बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
दरसअल सत्ता की चाह में कुछ ऐसे नेता है जो वोटों की चाहत में नैतिकता भी भूल गए हैं और वोट मांगने के लिए लोगों को धमका भी रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार ममता बनर्जी के मंत्री पन दासगुप्ता ने राज्य विधानसभा चुनाव में वोट नहीं मिलने पर मतदाताओं को गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी।
हुगली में आयेाजित एक बैठक में, तपन दासगुप्ता जो सप्तग्राम विधानसभा के टीएमसी उम्मीदवार है, ने मतदाताओं से कहा कि जो क्षेत्र उन्हें वोट नहीं देंगे, उन्हें “बिजली और पानी नहीं मिलेगा।
शनिवार की रैली में तपन ने कहा, “जिन क्षेत्रों से मुझे वोट नहीं मिलेंगे, उन इलाकों में बिजली और पानी नहीं पहुंचेगा। यह सिंपल है। वे इसके लिए बीजेपी से कह सकते हैं।”
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मालूम हो तपन दासगुप्ता साल 2011 में वाम मोर्चे के अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर हुगली में सप्तग्राम के विधायक बने। 2016 के बंगाल चुनावों में भी उन्होंने सप्तग्राम सीट जीती थी। दासगुप्ता को अब 2021 पश्चिम बंगाल चुनाव में लडऩे के लिए एक ही सीट दी गई है।
ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब टीएमसी के किसी उम्मीदवार ने विधानसभा चुनावों में पार्टी को वोट न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी हो। विधानसभा चुनाव से पहले भी पश्चिम बंगाल में टीएमसी विधायक हमीदुल रहमान को मतदाताओं को धमकाते हुए पकड़ा गया था।
हमीदुल रहमान ने दिनाजपुर में एक जनसभा में कहा था, “चुनाव के बाद गद्दारों से निपटा जाएगा।” हमीदुल रहमान ने लोगों को यह कहते हुए टीएमसी के लिए वोट करने के लिए कहा कि जो लोग पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपनी सरकार के लाभों का आनंद लेने के बाद भी “गद्दारी” करते हैं, उन्हें “गद्दार” के तरह काम दिए जाएंगे।