न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नागरिक संसोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी के विरोध में मुखर हैं। वह कई बार कह चुकी हैं कि वह अपने राज्य में इसे लागू नहीं करेंगी और इसके खिलाफ तब तक विरोध करेंगी जब तक केन्द्र सरकार इसे वापस नहीं लेती। वहीं राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर शुक्रवार को दिल्ली में गृह मंत्रालय की अहम बैठक होने वाली है से भी ममता ने किनारा कर लिया है।
राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को लेकर गृह मंत्रालय की दिल्ली में आज अहम बैठक होगी। इसमें सभी राज्यों के मुख्य सचिवों और जनगणना निदेशकों को बुलाया गया है। वहीं इस बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय मौजूद होंगे, लेकिन पश्चिम बंगाल सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इस बैठक में हिस्सा नहीं लेगा।
गृह मंत्रालय के अनुसार , बैठक में जनगणना के पहले चरण में मकानों की गणना और इसके साथ-साथ एनपीआर के लिए आंकड़े
जुटाने के तौर तरीकों के बारे में चर्चा की जाएगी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल को छोड़कर अन्य सभी राज्यों ने बताया है कि उनके अधिकारी हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आ रहे हैं।
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क्या है एनपीआर का लक्ष्य
गृह मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि एनपीआर का लक्ष्य देश के निवासियों की एक व्यापक पहचान का डेटाबेस तैयार करना है.। इसमें डेमोग्राफिक तथा बायोमेट्रिक ब्योरे शामिल होंगे। यह रजिस्टर स्थानीय (गांव/उप-शहर), उपजिला, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता कानून, 1955 और नागरिकता (नागरिकों का पंजीयन तथा राष्ट्रीय पहचान-पत्र जारी करना) नियम, 2003 के तहत बनाया जाएगा। नियम के प्रावधानों के उल्लंघन पर एक हजार रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान है।
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ममता ने पहले ही किया था नहीं आने का ऐलान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह इस बैठक में शामिल नहीं होंगी। एक रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा था, ‘केन्द्र सरकार ने 17 जनवरी को एनपीआर पर बैठक बुलाई है। मैं नहीं जाऊंगी और न ही मेरी सरकार का कोई प्रतिनिधि उस बैठक में शामिल होगा। अगर मैं शामिल नहीं हुई तो यहां कोलकाता में एक व्यक्ति (राज्यपाल धनखड़) जो केन्द्र सरकार का प्रतिनिधि है, वह कह सकते हैं कि वह मेरी सरकार को बर्खास्त कर रहे हैं। वह ऐसा कर सकते हैं, मुझे इसकी परवाह नहीं है, लेकिन मैं सीएए-एनपीआर-एनआरसी को अनुमति नहीं दूंगी।’
मुख्यमंत्री बनर्जी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा था, ‘अगर कोई 6 महीने से रह रहा है और अवैध आप्रवासी है तो अपने बारे में जानकारी देने में क्या दिक्कत है? क्या आप अपने देश की सीमाएं हर किसी के लिए खोल देना चाहते हैं? एनपीआर पहले भी लागू हुआ था और दोबारा लागू होगा।’
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