Friday - 25 October 2024 - 8:10 PM

टीएमसी के स्थापना दिवस पर ममता को लगा बड़ा झटका

जुबिली न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल का सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस से नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा। भाजपा टीएमसी को कमजोर करने के लिए उसके नेताओं को तोडऩे पर लगी हुई है जबकि पार्टी के भीतर इसका विरोध हो रहा है।

शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस का स्थापना दिवस था और इस दिन भी ममता बनर्जी को बड़ा झटका लगा। पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर ही कोंटाई नगर निकाय में पार्टी के अधिकतर पार्षद उसका साथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस के गठन को 23 साल पूरे हो गए।

20 सदस्यों वाली कोंटाई नगरपालिका में तृणमूल कांग्रेस के 15 पार्षद शुक्रवार को बीजेपी में शामिल हो गए। इसमें कोंटाई नगरपालिका के पूर्व प्रशासक सौमेन्दु अधिकारी भी शामिल हैं जो शुभेन्दु अधिकारी के भाई हैं।

शुभेंदु अधिकारी की गिनती टीएमसी में बड़े नेता के तौर पर होती थी। वह ममता बनर्जी सरकार में वरिष्ठ मंत्री थे लेकिन वह पिछले महीने बीजेपी में शामिल हो गए।

सौमेन्दु को हाल ही में ममता बनर्जी सरकार ने नगर निकाय के प्रशासक पद से हटा दिया गया था। बता दें कि बंगाल में इस साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

पिछले महीने तृणमूल कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए शुभेन्दु अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से सौमेन्दु को हटाना बदले की भावना से उठाया गया कदम था। राज्य के पूर्व मंत्री ने यह भी कहा कि ममता बनर्जी सरकार नगर निगम चुनाव कराने में देरी कर रही है, क्योंकि वह अपनी आसन्न हार से भयभीत है।

अधिकारी ने कहा, ”लोग बीजेपी के पक्ष में मतदान करेंगे, चाहे वह निकाय चुनाव हों या विधानसभा चुनाव।

इससे पहले दिन में, सौमेन्दु ने पत्रकारों ने कहा था कि उनका परिवार कई तरह के हमले सहन कर रहा है, लेकिन हम मैदान में उचित जवाब देने में विश्वास करते हैं।

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तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता फिरहाद हाकिम ने कहा, ‘सौमेन्दु (नगर निकाय के) प्रशासक रहते हुए किसी अन्य पार्टी में शामिल होने के बारे में नहीं सोच सकते थे। चूंकि उन्हें पद से हटा दिया गया है, तो वह अन्य पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसने उनका (अधिकारी परिवार का) असल रंग दिखा दिया है कि वे पद के बिना नहीं जी सकते हैं।’

इस बीच पार्टी के सिंगूर से विधायक और वरिष्ठ नेता रबिंद्रनाथ भट्टाचार्य ने पुराने नेताओं को किनारे कर “भ्रष्ट और बेईमान” तत्वों को पार्टी में शामिल करने का रास्ता बनाने के लिए तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व पर हमला किया। वह हूगली में पार्टी के स्थापना दिवस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए।

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