Friday - 25 October 2024 - 10:28 PM

योगी की टेंशन बढ़ा सकती हैं ममता, जानिए कैसे

जुबिली न्यूज डेस्क

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होना है और इसकी वजह से सूबे का सियासी पारा बढ़ा हुआ है। इस बार के चुनाव में कई राजनीतिक दल जमीन तलाशने की तैयारी में हैं।

जहां आम आदमी पार्टी और AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी पहले चुनाव लडऩे का ऐलान कर चुके हैं तो वहीं कई छोटे दल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके चुनाव लडऩे का विचार कर रहे हैं।

लेकिन अभी हाल-फिलहाल सबकी निगाहे राष्ट्र मंच के अगले कदम पर टिकी हुई हैं। कयास लगाये जा रहे हैं कि इस बार राष्ट्र मंच भी यूपी के सियासी जंग में कूद सकता है। यदि ऐसा होता है तो चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी यूपी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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राष्ट्र मंच जो खुद को तीसरा विकल्प बता रहा है, अगर यूपी के चुनावी अखाड़े में उतरता है तो ममता बनर्जी और शरद पवार के साथ-साथ में प्रशांत किशोर की भी यूपी में एंट्री हो सकती है।

पीके और ममता बनर्जी की एंट्री भाजपा की चिंता बढ़ा सकता है। इसका कारण यह है कि पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में ममता ने भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। विस चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में नहीं रहे। इस चुनाव में प्रशांत किशोर ने बड़ी भूमिका निभाई थी। पिछले दिनों वह शरद पवार के संपर्क में थे।

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बताते चलें कि इससे पहले ममता बनर्जी की टीएमसी उत्तर प्रदेश में एक सीट जीत भी चुकी है। इसमें कोई शक नहीं है कि उत्तर प्रदेश में वर्तमान में सत्तारूढ़ दल के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियां हैं।

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राजनीतिक पंडितों का कहना है कि चुनाव में भाजपा को काफी चुनौती मिलने वाली है। योगी सरकार की छवि पहले ही कोरोना की दूसरी लहर और कानून व्यवस्था की वजह से धूमिल हुई है। विपक्ष के पास सत्तारूढ़ दल को घेरने के लिए बहुत सारे मुद्दे है।

वहीं यूपी में राष्ट्रमंच की आहट से भाजपा के नेता अनजान नहीं हैं। भाजपा नेताओं ने इसको लेकर तैयारी भी शुरू कर दी है। बंगाल के सवाल पर भाजपा का तर्क है कि चुनाव हारे जरूर लेकिन यहां बड़ी बढ़त मिल गई है।

किसान आंदोलन भी है बड़ी चुनौती

इस बार के चुनाव में योगी आदित्यनाथ के लिए राह आसान नहीं होगा। किसान आंदोलन की वजह से पश्चिमी यूपी में भाजपा को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उधर कुछ दिन पहले ही टीएमसी के यशवंत सिन्हा ने राकेश टिकैत से मुलाकात की थी।

राकेश टिकैत पहले से ही कहते आए हैं कि वह चुनाव के दौरान भी जनसभाएं करेंगे और लोगों से भाजपा को वोट न देने की अपील करेंगे। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि वह किसको वोट देने की अपील करेंगे।

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