जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि वे नंदीग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ेंगी। पिछले विधानसभा चुनाव में इस सीट से तृणमूल कांग्रेस के टिकट पर सुवेंदु अधिकारी जीते थे।
फिलहाल शुभेन्दु अब टीएमसी छोड़ भाजपा में जा चुके हैं। पिछले साल वे भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। ममता बनर्जी ने यह घोषणा नंदीग्राम में एक चुनावी रैली में की।
19 दिसंबर को भाजपा में शामिल होने के बाद शुभेंदु अधिकारी ने 8 जनवरी को नंदीग्राम में रैली की थी। दरअसल ममता बनर्जी की 7 तारीख को यहांं रैली होने वालीं थी। इसी को ध्यान में रखते हुए शुभेंदु की रैली 8 तारीख को रखी गई थी। हालांकि ‘दीदी’ की रैली 7 तारीख को नहीं हुई।
रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि वो नंदीग्राम से भी चुनाव लडेंगी और अपनी परंपरागत सीट भवानीपुर से भी। दरअसल ममता बनर्जी ने बड़ा दांव खेला है। नंदीग्राम शुभेंदु अधिकारी का गढ़ माना जाता है और अब वह भाजपा में जा चुके हैं।
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भाजपा पर हमला बोलते हुए ममता ने कहा कि मेरे जिंदा रहते मैं बंगाल को बिकने नहीं दूंगी। उन्होंने कहा कि पार्टी छोडऩे वालों को लेकर वे चिंतित नहीं है, क्योंकि जब टीमएमसी का गठन हुआ था, इनमें से कोई वहां नहीं था।
शुभेंदु अधिकारी का नाम लिए बिना ममता ने कहा कि मैं किसी से ज्ञान नही लूंगी नंदीग्राम आंदोलन किसने किया? कुछ लोग थोड़ा इधर-उधर करने की कोशिश कर रहे है, चिंता का विषय नही है।
ममता ने कहा, ”अखबारों को, मीडिया को डराकर अपने हिसाब से सर्वे बनाए जा रहा हैं, मुझे सब पता है। सारे वीडियो और व्हाट्सएप पर विश्वास मत करना, यह सब फेक है। बीजेपी झूठी खबरों को फैलाने का काम कर रही है। यह सफेद को काला करने वाले लोग हैं।
रैली में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने भाषण की 2007 में हुए सिंगूर आंदोलन से की। उन्होंने कहा कि आंदोलन सिंगुर से शुरू हुआ था, इसके बाद आंदोलन नंदीग्राम में हुआ। मैंने 26 दिन अनशन किया था और फिर कानून बदला गया था। उस वक्त मुझे जब पता चला कि यहां गोली चल रही थी, मैं यहां पहुंची। पेट्रोल बम से मुझे जलाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा कि आंदोलन के वक्त राज्यपाल ने मुझसे वापस जाने को कहा था।
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क्यों खास है नंदीग्राम विधानसभा?
नंदीग्राम टीएमसी के लिए बहुत खास है। साल 2007 में हुए नंदीग्राम आंदोलन के बाद साल 2009 में हुए विधानसभा उपचुनाव में टीएमसी ने पहली बार नंदीग्राम में अपना खाता खोला। टीएमसी की फिरोजा बीबी ने यह जीत हासिल की। शुभेंदु अधिकारी 2016 में नंदीग्राम से विधायक बने और ममता सरकार में मंत्री बनाए गए।
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टीएमसी छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले शुभेंदु अधिकारी को नंदीग्राम आंदोलन का सूत्रधार माना जाता है। साल 2007 में बुद्धदेव भट्टाचार्य सरकार की जमीन अधिग्रहण नीति के खिलाफ ममत बनर्जी ने आंदोलन कर देशभर में सुर्खियां बटोरी थीं। नंदीग्राम आंदोलन के बाद लेफ्ट सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा था। इस आंदोलन से ममता बनर्जी की लोकप्रियता इतनी बढ़ी कि साल 2011 में उन्होंने लेफ्ट के 34 साल के शासन को खत्म कर बंगाल की कुर्सी हासिल की।
रैली को संबोधित करते हुए ममता ने कहा कि पार्टी छोड़ने वालों को लेकर वे चिंतित नहीं है, क्योंकि जब टीमएमसी का गठन हुआ था, इनमें से कोई वहां नहीं था।