पॉलिटिकल डेस्क।
साल 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत का शुरू हुआ सिलसिला अब तक जारी है। बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर जो आज पूरे देश में बनी हुई है इसके पीछे अमित शाह की रणनीति को सराहा जा रहा है। वर्तमान समय में अमित शाह को भारतीय राजनीति का चाणक्य बताया जा रहा है, लेकिन सच तो यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ब्रांडिंग करने वाला असली चाणक्य कोई और ही है। यह चाणक्य है ‘पीके’ यानी कि प्रशांत किशोर।
प्रशांत किशोर ने 2014 लोकसभा चुनावों में पीएम मोदी की जीत में अहम भूमिका निभाकर सुर्खियां बटोरी थीं। उसके बाद से पीके कई दलों और चुनावों में बतौर रणनीतिकार भूमिका निभा चुके हैं। उनके नाम कई चुनाव जीतने का रिकॉर्ड है तो साल 2017 के चुनाव में कांग्रेस के रणनीतिकार के रूप में फेल होने का भी रिकॉर्ड है।
फ़िलहाल प्रशांत किशोर अब पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के सलाहकार की भूमिका में नजर आ सकते हैं। गुरुवार को कोलकाता में प्रशांत किशोर ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी से मुलाकात की है। खबर है कि किशोर अगले महीने से बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के लिए काम शुरु कर देंगे।
गौरतलब है कि बंगाल में ममता बनर्जी के सामने बीजेपी चुनौती बनकर खड़ी हुई है, ऐसे में ममता बनर्जी ने अपनी सियासी जमीन को बचाने के लिए प्रशांत किशोर पर भरोसा जताया है।
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बता दें कि प्रशांत किशोर वर्तमान में जनता दल यूनाइटेड के सदस्य हैं। कुछ समय पहले प्रशांत नीतीश कुमार के काफी करीबी माने जाते थे, लेकिन पिछले कुछ दिनों में उनकी नीतीश के साथ पहले वाली कैमिस्ट्री नहीं रही।
जगन रेड्डी के सलाहकार की भूमिका निभाई
प्रशांत किशोर अभी हाल में आंध्र प्रदेश में जगन रेड्डी के सलाहकार बने थे। लोकसभा और विधानसभा चुनावों में जगन की पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए चंद्रबाबू नायडू को चारों खाने चित्त कर दिया। विधानसभा में उन्होंने राज्य की सत्ता तो हथियाई ही, लोकसभा में भी जगन की पार्टी वाइएसआरसीपी ने टीडीपी का सफाया कर दिया।
नीतीश कुमार की सरकार बनाने में निभाई भूमिका
2015 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब प्रशांत किशोर बीजेपी छोड़कर जेडीयू के सलाकार बने। बिहार विधानसभा चुनावों में जेडीयू और आरजेडी ने बीजेपी को मात दी।