जुबिली न्यूज डेस्क
बंगाल चुनाव विधानसभा के नतीजे आने के बाद से ही राज्य में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान बीजेपी और टीएमसी दोनों ही दलों के कार्यकर्ताओं की हत्या की खबरें सामने आई थीं। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दावा किया कि हिंसा में बीजेपी के कम से कम 14 कार्यकर्ता मारे गए हैं। वहीं टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी आरोप लगाया है कि उनके कई कार्यकर्ता इस हिंसा के दौरान मारे गए हैं। दोनों दलो में इस मुद्दे को लेकर खींचतान चल रही है।
तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद ममता बनर्जी ने गुरुवार को हिंसा मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बीजेपी जनादेश स्वीकारने के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने ऐलान किया कि हिंसा में मारे गए लोगों को प्रदेश सरकार बिना भेदभाव के 2-2 लाख रुपये मुआवजे के तौर पर देगी।
पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा को लेकर नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि प्रदेश में कानून और व्यवस्था जब चुनाव आयोग के हाथ में थी, उस दौरान प्रदेश में हिंसा में 16 लोग मारे गए। इनमें से आधे टीएमसी के थे और आधे बीजेपी थे। इसके अलावा एक कार्यकर्ता संयुक्त मोर्चा का था।
ममता ने गुरुवार को ऐलान किया कि चुनाव बाद प्रदेश में हुई इस हिंसा में रहने वाले लोगों को बिना किसी भेदभाव के 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। ममता ने इस दौरान बीजेपी पर जनादेश न स्वीकारने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के नेता इधर-उधर घूम रहे हैं। वे लोगों को भड़का रहे हैं। नई सरकार को आए अभी 24 घंटे भी नहीं हुए और वे चिट्ठियां भेज रहे हैं। उनके नेता और उनकी टीम आ रही है।
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ममता ने कहा कहा कि वे (बीजेपी) दरअसल जनादेश को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं। मैं उनके आग्रह करती हूं कि वे जनादेश को स्वीकार करें। बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र लिखा था और राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी। केंद्र ने कहा था कि राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट नहीं भेजने की सूरत में इस मामले को गंभीरता से लिया जाएगा।