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पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी का कहना है कि यदि दुर्गा पूजा समितियां पूजा करती हैं तो उन्हें इनकम टैक्स के दायरे में नहीं लाना चाहिए। दुर्गा पूजा समितियों को मिलने वाला चंदा आम लोग देते हैं। वो केंद्र सरकार के इस फैसले का विरोध करती हैं। जिस तरह से दुर्गा पूजा समिति से जुड़े लोगों को परेशान किया जा रहा है वो समझ से परे है। इस तरह की कार्रवाई से वो व्यक्तिगत तौर पर दुखी हैं।
बीजेपी पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि जब चुनाव करीब आते हैं तो ये लोग हिंदू- मुस्लिम करने लगते हैं। चुनाव करीब आने पर ये लोग माहौल को खराब कर देते हैं। त्यौहार तो त्यौहार होता है। वो सिर्फ ये कहना चाहती हैं कि कुछ राजनीतिक दल चुनावों के लिए फंड जुटाती हैं। लेकिन वो फंड इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आता है।
जब ममता ने मूर्ति विसर्जन पर लगा दी थी रोक
बता दें कि पिछले साल दूर्गा पूजा विसर्जन के संबंध में ममता सरकार के आदेश के बाद राजनीतिक तौर पर विरोध हुआ था। यहां तक कि कोलकाता हाईकोर्ट को भी दखल देना पड़ा था।
अदालत ने ममता सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप किसी धर्म से जुड़े हुए लोगों की आस्था का सम्मान क्यों नहीं कर सकती है। अगर आपको लगता है कि मूर्ति विसर्जन की वजह से कानून व्यवस्था पर संकट खड़ा हो सकता है तो उससे निपटने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। दरअसल मोहर्रम वाले दिन पश्चिम बंगाल सरकार ने मूर्ति विसर्जन पर रोक लगा दी थी।
बीजेपी ने किया था विरोध
बीजेपी ने इस मुद्दे पर जमकर विरोध करते हुए तुष्टीकरण का आरोप लगाया था। बीजेपी नेताओं का कहना था कि एक खास समाज के कार्यक्रमों को बढ़ावा देने के लिए ममता सरकार के पास फंड की कमी नहीं होती है। लेकिन हिंदू धर्म की सामान्य पूजा पद्धति में वो अड़चन लगाने का काम करती है। सरकार के इस तरह के कदमों से सामाजिक सद्भाव पर असर पड़ता है।
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