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लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस से संकट में फंसे भारत के शराब कारोबारी विजय माल्या को मंगलवार को प्रत्यर्पण आदेश के खिलाफ अपील करने की मंजूरी मिल गयी है। भारतीय समयानुसार, मंगलवार की शाम को ब्रिटेन के हाईकोर्ट में माल्या के मामले पर सुनवाई शुरू हुई।
माल्या ने ब्रिटेन के गृह मंत्री साजिद जाविद द्वारा उनके प्रत्यर्पण के आदेश पर हस्ताक्षर करने के खिलाफ अपील करने की अनुमति मांगी थी। माल्या को कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जाना है।
माल्या ने कहा कि जब उन्होंने रॉयल्स कोर्ट ऑफ जस्टिस में प्रवेश किया, तो वह काफी सकारात्मक महसूस कर रहे थे। अदालत में न्यायमूर्ति जॉर्ज लेगाट तथा एंड्रूय पॉपलवेल ने माल्या की वकील क्लेयर मॉन्टगोमेरी की दलीलें सुननी शुरू कीं।
पहले ही दस्तावेज के जरिये अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के हाईकोर्ट में केस हार चुके हैं। अब इसी सप्ताह उनके नये आवेदन पर मौखिक सुनवाई होगी।
लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के प्रशासनिक अदालत खंड की दो जजों की पीठ अप्रैल में दायर इस अपील पर सुनवाई करेगी।
उन्होंने अदालत से कहा कि प्रत्यर्पण का आग्रह करने वाली भारत सरकार या ब्रिटेन के गृह मंत्री ने इसमें प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया है। ऐसे में यह संकेत मिलता है कि माल्या के बचाव पक्ष को ही निचली अदालत के प्रत्यर्पण के आदेश के खिलाफ अपील की अनुमति का आधार पेश करना है।