प्रीति सिंह
हम चाहने वाले हैं तेरे
यूँ हम को जलाना ठीक नहीं
महफिल में तमाशा बन जाएं
इस तरह बुलाना ठीक नहीं
ये लिरिक्स साहिर लुधियानवी ने आंखे फिल्म के लिए लिखी थी, पर वर्तमान में शायद बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी को यह बरबस याद आ रही होगी। उन्हें इस बात का शिद्दत से एहसास होगा कि लालकृष्ण आडवानी व स्व. वाजपेयी जैसे नेताओं के मार्गदर्शन में जिस बीजेपी को आगे बढ़ाने के लिए पूरा दमखम लगाया आज उसी पार्टी में उनकी कोई हैसियत नहीं है। पार्टी उन्हें विश्वास में नहीं ले रही बल्कि आर्डर दे रही है।
दरअसल बीजेपी शीर्ष नेतृत्व चाहती है कि मुरली मनोहर जोशी बीजेपी कार्यालय आए और ऐलान करें कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिलहाल उन्होंने साफ मना कर दिया है। दरअसल बीजेपी ने वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवानी को टिकट नहीं दिया जिसकी सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा हुई।
चूंकि आडवाणी ने खुद से चुनाव लड़ने के लिए मना नहीं किया इसलिए आलोचना हुई कि जिस आदमी ने पार्टी को खड़ा किया उसे ही किनारे कर दिया गया है। इसलिए बीजेपी अब दूसरे तरीके से इस मामले को निपटाने में लगी है।
सत्ता में दोबारा आने के लिए बीजेपी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है। प्रत्याशियों को टिकट देने में भी काफी सतर्कता बरत रही है। कुछ समय पहले ही बीजेपी शीर्ष नेतृत्व की तरफ से ऐलान हुआ था कि 75 प्लस वालों को पार्टी टिकट नहीं देगी। उसी कड़ी में कई नेता खुद सामने आकर चुनाव लडऩे से मना कर चुके हैं।
इसके अलावा राजनीतिक गलियारों में ऐसी भी चर्चा है कि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और उनकी टीम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी की टीम को इस चुनाव में किनारे कर रही है। उनकी टीम के लोगों को टिकट नहीं दिया जायेगा।
कई वरिष्ठ नेताओं के चुनाव लड़ने से मना करने के पीछे यही कहानी है। वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, कलराज मिश्र, उमा भारती, शहनवाज हुसैन, मुरली मनोहर जोशी, सुषमा स्वराज, शत्रुघ्न सिन्हा, कीर्ति आजाद जैसे नेता साइड लाइन किए गए है। हालांकि शत्रुघ्र सिन्हा और कीर्ति आजाद ने पार्टी की बेरूखी की वजह से कांग्रेस का हाथ थाम लिया है।
मुरली मनोहर जोशी हैं खफा
बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल ने सोमवार को बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की थी। रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी से कहा कि पार्टी ने निर्णय लिया है कि आपको चुनाव नहीं लड़वाया जाए। पार्टी चाहती है कि आप पार्टी ऑफिस आकर चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान करें, लेकिन मुरली मनोहर जोशी ने सीधे तौर पर नकार दिया।
जोशी ने कहा कि ये पार्टी के संस्कार नहीं हैं, अगर हमें चुनाव ना लड़वाने का फैसला हुआ है तो कम से कम पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हमें आकर सूचित करना चाहिए। मुरली मनोहर जोशी ने साफ कहा कि वह पार्टी दफ्तर आकर इसकी घोषणा नहीं करेंगे।
मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक खत भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी महासचिव रामलाल की ओर से मुझे कहा गया है कि मैं कानपुर या फिर किसी ओर सीट से चुनाव ना लड़ूं।
आडवाणी ने भी ऐलान करने से किया था मना
इससे पहले भी संगठन महासचिव रामलाल ने ही लालकृष्ण आडवाणी, कलराज मिश्र से मुलाकात कर उन्हें टिकट ना देने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी। इसके अलावा शांता कुमार, करिया मुंडा से फोन पर बात करके उन्हें टिकट ना देने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी। तब भी रामलाल ने इन नेताओं को सूचित किया था कि वह अपनी ओर से चुनाव ना लड़ने का ऐलान करें, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी भी मुरली मनोहर जोशी की तरह तैयार नहीं हुए।