पॉलिटिकल डेस्क।
मध्यप्रदेश के भोपाल से साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के बाद मालेगांव विस्फोट के एक और आरोपी मेजर रमेश उपाध्याय ने यूपी के बलिया संसदीय सीट से नामांकन दाखिल किया है।
शुक्रवार को मेजर रमेश उपाध्याय ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा से नामांकन दाखिल करने के बाद शहीद हेमंत करकरे पर विवादित बयान भी दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी पुलिसकर्मी कहीं भी मरे वह शहीद नहीं कहलाता है।
शहीद केवल स्वतंत्रता सेनानी और सैनिक होते हैं। पुलिसवाला कभी शहीद नहीं होता है। उन्होंने कहा कि हेमंत करकरे आतंकवादियों के हाथों मारे गए, यह उनकी नालायकी का सबसे बड़ा सबूत है।
उन्होंने पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा दिये गए विवादित बयान पर भी सहमति जतायी। कहा कि हेमंत करकरे ने हम सभी को टॉर्चर किया। 12 में से 11 अभियुक्त ठीक से चल नहीं सकते हैं. प्रज्ञा सिंह ठाकुर व्हीलचेयर पर चलती हैं। इसका सबूत है हेमंत करकरे ने उन्हें बहुत टॉर्चर किया था।
रमेश उपाध्याय का कहना है कि हम लोगों के ऊपर की गई सारी कार्रवाई तत्कालीन यूपीए सरकार और कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी, अहमद पटेल, पी. चिदम्बरम, सुशील कुमार शिंदे और दिग्विजय सिंह के निर्देश पर हो रही थी। उन्होंने कहा कि उस वक्त ब्यूरोक्रेसी कांग्रेस सरकार का तोता बनी हुई थी।
बता दें कि भोपाल से बीजेपी उम्मीदवार और मालेगांव विस्फोट की आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 हमले में शहीद हुए तत्कालीन महाराष्ट्र एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बार में कहा था कि करकरे को मैंने शाप दिया था, इसकी वजह से ही उनकी मौत हुई। साध्वी प्रज्ञा ने करकरे पर उन्हें मालेगांव ब्लास्ट के झूठे केस में फंसाने और कस्टडी में टॉर्चर करने के आरोप लगाये थे।