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सेना मुख्यालय ने मेजर लीतुल गोगोई के एक स्थानीय महिला से ‘दोस्ती करने’ के मामले में सजा की पुष्टि कर दी है। वर्ष 2017 में ‘मानव ढाल विवाद’ को लेकर चर्चा में आए मेजर लीतुल गोगोई को वरिष्ठता में कटौती का सामना करना पड़ेगा और उन्हें कश्मीर घाटी से बाहर भेजा जाएगा।
रविवार को अधिकारियों ने जानकारी देते हुए कहा कि कोर्ट मार्शल में गोगोई और उनके चालक समीर मल्ला को दो आरोपों-निर्देशों के विपरीत एक स्थानीय महिला से ‘‘दोस्ती करने’’ और ‘‘अभियान क्षेत्र में रहने के दौरान अपनी ड्यूटी की जगह से दूर रहने’’ में दोषी पाया था।
होटल के कर्मचारियों से हुआ था झगड़ा
मेजर गोगोई और उनके चालक को जम्मू कश्मीर पुलिस ने पिछले साल 23 मई को तब पकड़ा था जब उनका होटल स्टाफ से विवाद हो गया था। गोगोई 18 वर्षीय एक महिला के साथ होटल में कथित प्रवेश की कोशिश कर रहे थे और इसी बात को लेकर होटल के कर्मचारियों से उनका झगड़ा हुआ था।
महिला ने कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया के दौरान गवाही देने के प्रति अनिच्छा जताई थी और सेना के अधिकारियों को सूचित किया था कि उसने मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दिया था तथा इसे ही उसका अंतिम रुख माना जाए।
फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए हुई थी महिला से दोस्ती
महिला ने यह भी कहा था कि वह मेजर गोगाई के साथ अपनी मर्जी से गई थी। उसने खुलासा किया था कि वह सेना अधिकारी के उबैद अरमान नाम से बने उनके फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए उनकी दोस्त बनी थी।
पिछले साल हुई इस घटना के तुरंत बाद सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा था कि यदि मेजर गोगोई ‘‘किसी अपराध’’ के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कड़ी सजा दी जाएगी।
2017 को बडगाम में उपचुनाव के दौरान आए थे चर्चा में
मेजर गोगोई तब सुर्खियों में आए थे जब उन्होंने नौ अप्रैल 2017 को बडगाम में एक उपचुनाव के दौरान पथराव कर रही अनियंत्रित भीड़ का सामना करने के लिए एक व्यक्ति को जीप के बोनट पर बांध दिया था।