जुबिली न्यूज़ डेस्क
मोदी सरकार ने 24 फरवरी 2019 को गोरखपुर से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की शुरुआत की थी। इस स्कीम को 22 महीने पूरे हो चुके है। इस स्कीम के तहत हर किसान को सालाना 6000 रूपये की नगद सहायता दी जाती थी। अब इस स्कीम में कई बड़े बदलाव किये गये हैं जिससे किसानों को छह हजार रुपये की सहायता से कहीं अधिक का फायदा होने वाला है।
अब इस स्कीम के जरिये आत्मनिर्भर भारत के तहत 1.5 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। इनके खर्च की सीमा 1.35 लाख करोड़ रुपये है। कृषि मंत्रालय के अनुसार कुल 2 लाख करोड़ रुपये तक की खर्च सीमा के 2.5 करोड़ केसीसी जारी किए जाएंगे। इससे इस निधि के सभी लाभार्थियों को केसीसी का फायदा भी मिलने लगे।
इसके तहत किसानी के लिए 3 लाख रुपये तक का कर्ज आसानी से लिया जा सकता है। ये कर्ज 4 प्रतिशत की दर से मिलता है।लेकिन अब जो बदलाव किये गये हैं उनके बारे में भी जानना जरुरी है तो आइये जानते हैं उन बदलावों को।
अगर आपने इस स्कीम का लाभ लेने के लिए आवेदन किया है और अब तक आपके बैंक अकाउंट में इस स्कीम से जुड़ा कोई भी पैसा नहीं आया है तो अब आप उसका स्टेटस जान सकते हैं। केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने बताया कि पीएम किसान पोर्टल पर जाकर कोई भी किसान भाई अपना आधार, मोबाइल और बैंक खाता नंबर दर्ज करके अपने स्टेटस की जानकारी ले सकता है।
इसके अलावा अब किसानों को इस योजना में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए अधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होंगे। कोई भी ‘किसान पोर्टल’ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन खुद ही कर सकता है। इससे ज्यादा से ज्यादा किसान इस स्कीम से जुड़ सकेंगे और लाभ उठा सकेंगे।
कृषि मंत्रालय की इस सुविधा के शुरू होने के बाद राज्य सरकारों को किसानों के ब्योरे में आई गलतियों को ठीक करने और वेरीफिकेशन में अब पहले से काफी कम समय लगेगा।
पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का लाभ पाने वाले सभी किसानों को मोदी सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड भी उपलब्ध मुहैया करवाने का फैसला किया है। अब इस योजना को केसीसी से लिंक कर दिया गया है। इससे 3 लाख रुपये तक का लोन सिर्फ 4 फीसदी की दर पर मिल जाएगा।
गौरतलब है कि देश में अभी तक करीब 8 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड एक्टिव हैं। और इस योजना का लाभ उठाने वाले दो करोड़ से अधिक लोगों के पास केसीसी नहीं है। चूंकि बैंकों के पास पहले से ही पीएम किसान लाभार्थियों की अधिकांश जानकारी मौजूद है। इसलिए बैंकों को किसानों के लिए केसीसी जारी करने में समस्या नहीं आएगी।
फसल बीमा करवाने से छूट
पहले केसीसी लेने वाले किसानों को फसल बीमा स्कीम में भी शामिल होना पड़ता था। भले ही किसान न चाहे। लेकिन अब इसे पीएम किसान स्कीम में लिंक करने के बाद, फसल बीमा को स्वैच्छिक बना दिया गया है। इस फैसले के बाद देश के लाखों किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है।
सभी किसानों को मिलेगा लाभ
साल 2018 दिसंबर में इस स्कीम के तहत जब पैसा देना शुरू किया गया था तब यह स्कीम सिर्फ लघु एवं सीमांत किसानों के लिए ही थी। और इस दायरे में केवल 12 करोड़ ही किसान आते थे। इसलिए इसका बजट 75 हजार करोड़ रुपये तय किया गया था।
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साल 2019 लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में वादा किया कि मोदी सरकार दोबारा सत्ता आई तो सभी 14.5 करोड़ किसानों को लाभ मिलेगा। अब कई राज्य सरकारें पीएम किसान योजना में खुद भी मदद करने पर विचार कर रही हैं। इसकी शुरुआत मध्य प्रदेश की सरकार ने कर दी है। एमपी सरकार ने प्रति किसान 4-4 हजार रुपये देकर इस तरफ कदम बढ़ा दिया है।
मानधन योजना का भी ले सकते हैं लाभ
यदि कोई किसान इस निधि का लाभ ले रहा है तो उसे पीएम किसान मानधन योजना में जुड़ने के लिए कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। तीन हजार रुपये प्रति माह की पेंशन वाली इस योजना का अंशदान सीधे पीएम किसान स्कीम से कट जाएगा। किसान को सीधे अपनी जेब से पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा।