जुबिली स्पेशल डेस्क
अंबेडकर नगर। जलालपुर जनाबे फातेमा जहरा की शहादत के मौके पर हौज़ा ए इल्मिया बकियतुल्लाह में पांच दिवसीय मजालिस वा जुलूजे फातेमी का आयोजन मदरसे के विद्यार्थियों और अध्यापकों द्वारा किया गया।
जिसमे पहली मजलिस को मौलाना रमजान अली साबरी मौलाना, दूसरी मजलिस को मौलाना जफर हुसैन मरूफी, तीसरी मजलिस को मौलाना अरमान आज़मी, चौथी मजलिस को मौलाना जैगम अब्बास बाकरी और आखरी मजलिस को मदरसे के प्रिंसिपल मौलाना अशफाक हुसैन हैदरी ने खिताब किया।
प्रतिदिन मजलिस का आरंभ कारी ज़ाकिर हुसैन सुलतानपूरी ने किया। आखिरी मजलिस में मौलाना ने बताया कि मोहम्मद साहब ने अपनी बेटी फातेमा जहरा के के लिए कहा कि यह संसार की तमाम औरतों की सरदार है आप के राज़ी होने से अल्लाह राज़ी होता है और जिस ने इनको तकलीफ दी उसने मुझे तकलीफ दी।
मोहम्मद साहब आप से बे पनाह मुहब्बत करते थे जब आप किसी सफर पर जाते तो सब से आखिर में अपनी बेटी से मुलाकात करते और जब सफर से वापस आते तो सबसे पहले अपनी बेटी से मुलाकात करते और इनकी इज्ज़त ओ एहतेराम का मुजाहिरा इस तरह किया कि जब भी फातेमा आती तो इनके एहतेराम में खड़े हो जाते और इनको अपनी जगह पर बिठाते।आखिर में जब मौलाना ने इनपर अत्याचारियो द्वारा किए गए अत्याचार को बयान किया तो मजलिस बैठे हुए लोग भावुक हो उठे।
और इन्ही अराकीन के द्वारा हर साल की तरह इस साल भी जुलूसे आज़ाए फातेमी का आयोजन हुआ जो अपने कदीमी रास्तों से होता हुआ छोटी दरगाह रौजा ए पंजतन पाक पर तमाम हुआ।
जुलूस में मौलाना अकबर हुसैन सुल्तानपुरी,मौलाना सकलैन आज़मी और मौलाना क़ैसर अब्बास बनारसी ने तकरीर की।इस पूरे कार्यक्रम का संचालन मौलाना मुशीर अब्बास मुस्तफ्वी और नय्यर बहिश्ती ने किया जुलूस में मुख्य रूप से मौलाना अकील अब्बास जैनबी,डाक्टर शाहिद,मौलाना कौसर अली,मास्टर इसहाक मेहदी,मीर रज़ा अब्बास गोंडवी,मास्टर किरदार मेहदी, इंजीनियर जफर जौनपुरी और मास्टर जरगाम हैदर आदि साथ साथ रहे आखिर में मौलाना मुहम्मद रज़ा मशरकैन ने जुलूस में आए हुए तामाम लोगो का शुक्रिया अदा किया।