जुबिली न्यूज़ डेस्क
आज पूरे देश में महाशिवरात्रि बड़ी धूमधाम से मनाई जा रही हैं। शिव मंदिरों में भक्तों की लम्बी-लम्बी कतारें लगी हुई हैं। उधर हर की पौड़ी यानी हरिद्वार में आज से शुरू हो रहे महाकुम्भ का पहला स्नान है। पहले शाही स्नान की शुरुआत में जूना अखाड़ा, आह्वान अखाड़ा, अग्नि अखाड़ा और किन्नर अखाड़ा के करीब 22 लाख लोगों ने डुबकी लगाई है।
दूसरी तरफ राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री, कांग्रेस सांसद राहुल ने देश वासियों को शिवरात्री की बधाई दी है। महाशिवरात्रि के पर्व पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट करते हुए लिखा कि महाशिवरात्रि के पुनीत अवसर पर सभी देशवासियों को शुभकामनाएं। देवी पार्वती और भगवान शिव के विवाह के पावन स्मरण स्वरुप मनाया जाने वाला यह पर्व संपूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी हो।
President Ram Nath Kovind greets citizens on the occasion of Mahashivratri. pic.twitter.com/hWafTwk4po
— ANI (@ANI) March 11, 2021
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर लिखा कि सभी देशवासियों को महाशिवरात्रि की ढेरों शुभकामनाएं। हर-हर महादेव।
PM Narendra Modi greets people on the occasion of Mahashivratri. pic.twitter.com/duWYmMKv1L
— ANI (@ANI) March 11, 2021
इस महापर्व की मान्यता है कि शिवरात्रि के दिन ही भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन कई मंदिरों में शिव-पार्वती की बारात भी निकाली जाती है।आज के दिन भक्त शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध चढ़ा कर विधि-विधान से पूजा, व्रत और रात्रि जागरण करते हैं।
Uttarakhand: Thousands of devotees throng to Har Ki Pauri ghat in Haridwar to take a holy dip this morning, on #MahaShivaratri pic.twitter.com/24lxiPcFzO
— ANI (@ANI) March 11, 2021
इस मुहूर्त में करे पूजा
इस महापर्व के निशीथ काल पूजा का समय- 11 मार्च, रात 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 55 मिनट तक
पहला प्रहर- 11 मार्च, शाम 06 बजकर 27 मिनट से 09 बजकर 29 मिनट तक
दूसरा प्रहर- रात 9 बजकर 29 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक
तीसरा प्रहर- रात 12 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 32 मिनट तक
चौथा प्रहर- 12 मार्च, सुबह 03 बजकर 32 मिनट से सुबह 06 बजकर 34 मिनट तक
महाशिवरात्री पारण मुहूर्त- 12 मार्च, सुबह 06 बजकर 36 मिनट से दोपहर 3 बजकर 04 मिनट तक
पूजा विधि
भगवान शिव को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद उन्हें जल चढ़ाएं. पूरी रात्रि का दीपक जलाएं। चंदन का तिलक लगाएं। बेलपत्र, भांग, धतूरा, गन्ने का रस, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं। इसके बाद सबसे आखिरी में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें।ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें।
ऐसा बताया जाता है कि भगवान शिव को श्रद्धा भाव से जलाभिषेक करने मात्र से ही सारी समस्याओं का अंत हो जाता है। इस दिन शिव पुराण का पाठ जरूर करें।