Saturday - 26 October 2024 - 4:49 PM

सरकार नहीं अयोध्या सरकार के भरोसे हैं महर्षि अगस्त्य वंशज कुम्हार…

ओम प्रकाश सिंह 

अयोध्या। दीपोत्सव के जलने वाले दियों में रामनगरी के कुम्हारों के सपने भी पल रहे हैं। कुम्हारों के चक्कों पर दीए आकार ले रहे है। कुछ दिन में दीए आग में तपकर जलने के लिए लाल हो जाएगें। सरकारी व्यवस्था के पुराने अनुभवों से चोटिल कुम्हारों को इस बार अपने घरों की रोशनी के लिए ‘अयोध्या सरकार’ पर भरोसा है।

माटी कला बोर्ड के बजाय टेंडर से हो रही दीयों की खरीद..

रिकॉर्ड दर रिकॉर्ड स्थापित कर रहा अयोध्या दीपोत्सव का अपना एक स्याह पक्ष भी है। कहते हैं ना कि दीपक तले अंधेरा। रिकॉर्ड बनाने के लिए प्रतिवर्ष राम की पैड़ी पर मिट्टी के दीयों की संख्या बढ़ती जा रही है। छठवें दीपोत्सव में पूरे अयोध्या में लगभग पच्चीस लाख सरकारी दीए जलाए जाएंगे। कुछ मिनट के लिए जलते दिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो जाएंगे और पर्यटन विभाग उत्तर प्रदेश व अवध विश्वविद्यालय को एक प्रमाण पत्र भी मिल जाएगा। क्या ये दीये उनके घरों को रोशन कर पाएंगे जो इन दीयों को गढ़ते हैं।

आदि यंत्र कला प्रवर्तक माने जाते हैं कुम्हार और ये वंशज हैं महर्षि अगस्त्य के। योगी सरकार कुमारों की बेहतरी का दावा करती रहती है। इनके लिए एक माटी कला बोर्ड का भी गठन योगी सरकार पार्ट वन में किया गया था। बोर्ड का काम मिट्टी का बर्तन बनाने वाले कितने लोग है, उनका सर्वे करना भी था। इससे पहचान होगी कि इस कला में कौन-कौन लोग जुड़े हैं। यह भी सुनिश्चित करना था कि उनके पास मिट्टी बनाने का कोई इंतजाम है या नहीं है। अगर नहीं है तो उन्हें सबसे पहले पट्टा दिलाया जाएगा। सरकारी घोषणा हुई थी कि कुम्हारों को मिट्टी खनन के पट्टे देने के साथ ही उनको प्रशिक्षित करने का कार्य किया जाएगा। आने वाले समय में कुम्हारों को टूलकिट भी प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा कुम्हारों के उत्पादों की मार्केटिंग में सरकार पूरा सहयोग करेगी।

कुम्हारों के उत्पादों की मार्केटिंग में सरकार के सहयोग का दावा अयोध्या दीपोत्सव में धराशाई हो जाता है। दीयो की आपूर्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया अपनाई जाती है और फिर कुम्हारों से कुछ दीए खरीद कर फैक्ट्री मेड दीए दीपोत्सव में प्रयोग किए जाते हैं। होना चाहिए कि दीयों की आपूर्ति माटी कला बोर्ड करें। जो अयोध्या जनपद के विभिन्न गांव में दीए बनाने वाले कुम्हारों को पहले से ही लक्ष्य के अनुपात में आर्डर कर दे। इससे कुम्हार बिचौलियों का शिकार होने से बच जाएंगे और उन्हें उचित दाम भी मिल जाएगा।

आकृति बनाते हुए देखना एक जादुई नजारा

कुम्हार को कुम्हार के पहिये पर आकृति बनाते हुए देखना एक जादुई नजारा है। अयोध्या नगर निगम के जयसिंहपुर वार्ड में कुम्हारों की बस्ती है। यहां के कुम्हारों के साथ आसपास के अन्य गांवों के कुम्हार दीपोत्सव के लिए दीयों को कुम्हारी चक्को पर गढ़ रहे हैं लेकिन इन्हें अभी तक दीयोंओ की आपूर्ति का कोई सरकारी आदेश नहीं मिला है। पिछले वर्ष भी बिचौलियों के माध्यम से फुटकर में कुछ दीयों की खरीद इनसे हुई थी।

‘सरकार’ की कृपा पाने के लिए सरकारी तंत्र अजब गजब घोषणाएं करता रहता है। दीपोत्सव के लिए भी एक घोषणा हुई है कि उत्तर प्रदेश के हर गांव से दस दीए अवध विश्वविद्यालय के नोडल अधिकारी को भेजे जाएगें। जबकि अवध विश्वविद्यालय ने सोलह लाख दीयों की आपूर्ति का टेंडर निकाल रखा है। दीयों की आपूर्ति के लिए सिर्फ एक टेंडर आने से चितिंत विश्वविद्यालय प्रशासन ने दोबारा टेंडर काल किया है। दीपोत्सव के दीयों से सरकार की छवि जगमगाएगी लेकिन सरकारी दावों से इतर अगस्त्य वंशज अपने घरों की रोशनी के लिए ‘अयोध्या सरकार’ के भरोसे हैं।

ये भी पढ़ें-जम्मू-कश्मीर में खाई में जा गिरी बस, 11 लोगों की मौत, 8 घायल

ये भी पढ़ें-क्रिस्पी खस्ता कचौड़ी बानने के लिए अपनाएं ये आसान ट्रिक…

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com