Saturday - 26 October 2024 - 1:17 PM

…तो महाराष्ट्र में होगी डबल इंजन की सरकार

अविनाश भदौरिया

महाराष्ट्र और हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। दोनों ही राज्यों बीजेपी को नुकसान हुआ है हालांकि पार्टी का दावा है कि सरकार उन्हीं की बनेगी। लेकिन हरियाणा में सरकार बनाने के लिए बीजेपी को गोपाल कांडा का सहारा लेना पड़ रहा है। जिसकी वजह से मीडिया से लेकर पार्टी के अंदर तक शीर्ष नेतृत्व की फजीहत हो रही है। वहीं महाराष्ट्र में भी शिवसेना के रुख को देखकर बीजेपी की सरकार बनना इतना आसान नहीं दिख रहा।

बता दें कि महाराष्ट्र की कुल 288 विधानसभा सीटों में भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली है। वहीं सहयोगी शिवसेना को 56 सीटों पर जीत मिली है। इस तरह बीजेपी-शिवसेना गठबंधन को कुल 161 सीटें मिली हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने 54 सीटें जीती हैं जबकि कांग्रेस के खाते में 43 सीटें गई हैं।

वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम से तुलना की जाय तो बीजेपी और शिवसेना दोनों को ही कम सीटें मिली हैं जबकि कांग्रेस और एनसीपी को बढ़त मिली है। गौरतलब है कि शिवसेना और बीजेपी ने पिछला विधानसभा चुनाव अलग-अलग लड़ा था लेकिन बाद में दोनों का गठबंधन हुआ। हालांकि इस दौरान कई मामलों को लेकर शिवसेना और बीजेपी आमने-सामने भी खड़े नजर आए। शायद यही वजह है कि शिवसेना ने गुरुवार को आए चुनाव परिणामों के बाद जनता के मूड को भांपते हुए बीजेपी के साथ उसकी शर्तों पर नहीं बल्कि अपनी शर्तों पर सरकार बनाने का संकेत दिया है।

आदित्य को मुख्यमंत्री बनाने की मांग

बता दें कि चुनाव परिणाम आने के बाद गुरुवार को उद्धव ठाकरे ने कहा था कि मुख्यमंत्री किसका होगा ? यह प्रश्न सभी लोगों के मन में होना स्वभाविक है। लोकसभा चुनाव के वक्त जब भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन हुआ था, तब दोनों दलों के बीच 50-50 का फार्मूला तय हुआ था। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने साफ किया कि वह अपने 50-50 के फॉर्मूले पर अडिग हैं।

इतना ही नहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य को मुख्यमंत्री बनाने की मांग भी उठने लगी है। चुनाव परिणाम आने के बाद अगले दिन यानी शुक्रवार को वर्ली इलाके में कई जगह पोस्टर लगे हुए नजर आए हैं। इनमें आदित्य को मुख्यमंत्री बनाने की मांग की गई है।

इस सम्बन्ध में जब वरिष्ठ पत्रकार राजीव ओझा से बात हुई तो उन्होंने कहा कि, बीजेपी इसबार कमजोर है यही कारण है कि शिवसेना उसपर दबाव बनाने में जुटी हुई है। उद्धव ठाकरे के तेवर से स्पष्ट नजर आ रहा है कि बीजेपी-शिवसेना के बीच बड़ा भाई और छोटा भाई वाला रिश्ता अब नहीं चलने वाला है। हालांकि बीजेपी भी इतनी आसानी से बैकफुट पर नहीं जाएगी। अगर बीजेपी ऐसा करती है तो इससे दूसरे राज्यों के सहयोगी दलों में भी गतल सन्देश जाएगा जिसका खामियाजा आगे भी भुगतना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में शिवसेना और बीजेपी के सामने दो आप्शन हैं या तो दोनों ही पार्टी का सीएम ढाई-ढाई साल तक कुर्सी पर रहे या फिर महाराष्ट्र में भी डबल इंजन (देवेंद्र फडणवीस सीएम और आदित्य डिप्टी सीएम) की सरकार चले।

फडणवीस बोले- पहले और अब की परिस्थिति में कुछ नहीं बदला

इसपर सवाल जब देवेंद्र फडणवीस से पूछा गया तो उन्होंने कहा था कि शिवसेना के साथ जो तय हुआ था, उसी आधार पर आगे बढ़ा जाएगा। साथ ही देवेंद्र फडणवीस ने ये भी कहा था कि पहले और अब की परिस्थिति में कुछ नहीं बदला है।

दिवाली के बाद मुलाकात कर सकते हैं अमित शाह-उद्धव ठाकरे

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र में चुनावी जीत पर बधाई दी है। शुक्रवार को अमित शाह ने उद्धव को फोन किया, इस दौरान उन्होंने दिवाली और चुनाव में अच्छे प्रदर्शन पर शुभकामनाएं दीं। मिली जानकारी के अनुसार दोनों नेता दिवाली के बाद मुलाकात कर सकते हैं।

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस मिलकर सरकार बना सकते हैं

महाराष्ट्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण की ओर से एक और फार्मूला पेश किया गया है जिससे कि बीजेपी सत्ता से आउट होगी और कांग्रेस की एंट्री हो जाएगी। उन्होंने भाजपा को सत्ता से दूर करने के लिए शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के गठबंधन की संभावना सामने आई है।

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