जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के विशेष सत्र शुरू होने के साथ ही एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे गुट के बीच घमासान और तेज हो गया है। दोनों के टकराव का अंदाजा लगाया जा सकता है कि शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना के धड़े ने यहां विधान भवन में विधायक दल के कार्यालय को सील कर शिवसेना के खेमे और बेचैनी बढ़ा दी है।
उधर राज्य विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र रविवार से शुरू हुआ। इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के राहुल नार्वेकर ने विजय हासिल की है। उन्हें कुल 164 वोट मिले हैं।
इसके आलावा कल शक्ति परीक्षण होगा। हालांकि माना जा रहा है कि अब शिंदे गुट की राह आसान हो गई क्योंकि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में बीजेपी के राहुल नार्वेकर ने विजय हासिल की है।
शिवसेना विधायक दल के कार्यालय के बाहर मराठी में एक नोटिस चिपका हुआ है, जिसमें लिखा है, कि यह कार्यालय शिवसेना विधायक दल के कार्यालय के निर्देश के अनुसार बंद है।
हालांकि इसको लेकर शिंदे और ठाकरे गुट आमने-सामने आ गए है। नयी सरकार आज से यहां शुरू हो रहे विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र में चार जुलाई को बहुमत साबित करना होगा।
स्थानीय मीडिया की माने तो पूर्वाह्न 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद सदन के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। इस तरह से 13 दिनों के बाद शिंदे और ठाकरे गुट आमने-सामने हो सकते हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 39 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। वहीं, ठाकरे पास महज 16 विधायक बचने से उनकी परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
इससे पहले शिवसेना के सीनियर नेता संजय राउत ने शनिवार को एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें भी गुवाहाटी जाने का ऑफर मिला था लेकिन उन्होंने से ठुकरा दिया था।
उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे भी गुवाहाटी जाने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन मैं बालासाहेब ठाकरे का अनुसरण करता हूं इसलिए मैं वहां नहीं गया। जब सच्चाई आपके पक्ष में है, तो डर क्यों है?
संजय राउत ने कहा, कि इस देश का एक जिम्मेदार नागरिक, सांसद होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है कि जब देश की कोई भी जांच एजेंसी मुझे बुलाती है तो मैं उनके समक्ष जाकर बयान दूं।मुझे बुलाया गया, लोगों के मन में कुछ शंका है कि ये राजनीतिक दबाव में हुआ है, ऐसी कोई बात नहीं है।बता दें कि बीते कुछ दिनों से महाराष्टï्र की सियासत में उठापटक देखने को मिल रही है।