न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार के शपथ लेने के बाद भी मंत्रियों के विभागों के बंटवारे का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर एनसीपी और कांग्रेस में ठन गई है। एनसीपी और शिवसेना अपने कोटे से एक भी मंत्री पद कांग्रेस से अदला-बदली करने के लिए तैयार नहीं है। इस बीच शिवसेना को सरकार बचाने के लिए बार-बार कुर्बानी देनी पड़ रही है।
मातोश्री में बैठकर महाराष्ट्र की राजनीति करने वाले बाला साहेब ठाकरे के बेटे उद्धव ठाकरे प्रदेश के मुखिया तो बन गए हैं लेकिन एनसीपी प्रमुख शरद पवार और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दबाव के आगे झुकते नजर आ रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कुछ दिनों पहले उद्धव ठाकरे पर आरोप लगाया था कि दिल्ली के मातोश्री (सोनिया गांधी के घर) से उद्धव ठाकरे सरकार चल रही है। लेकिन अब काफी कुछ बदल गया है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में सियासत की धुरी माने जाने वाला मातोश्री (शिवसेना प्रमुख का निवास) इन दिनों नेताओं के चहल-पहल और बनते बिगड़ते समीकरणों से दूर हो गया है। कभी बाला साहब ठाकरे यहां से महाराष्ट्र के अलावा देश की राजनीति में भी अपना दखल रखते थे। बड़े-बड़े नेता उनसे मिलने मातोश्री में ही आते थे। लेकिन अब महाराष्ट्र में जब शिवसेना की गठबंधन सरकार बन गई है, उसके बाद ऐसा नहीं लग रहा है कि इस सरकार को उद्धव ठाकरे चला रहे हैं। जानकारों की माने तो सरकार बनाने में अहम योगदान निभाने वाले शरद पवार ही इस सरकार के मुखिया हैं और सरकार के फैसले, मंत्रिमंडल के बंटवारे को देखा जाए तो सरकार में बढ़ती पवार की पावर को समझा जा सकता है।
बता दें कि कांग्रेस कृषि, ग्राम विकास और सहकारिता की मांग पर अड़ी थी, उसे शिवसेना ने खेल-कूद और खारजमीन विभाग देकर मना लिया। शिवसेना ने एनसीपी को गृह मंत्रालय दे दिया है। ज्यादातर मालदार विभाग एनसीपी के खाते में गए हैं। हालांकि, विभाग बंटवारे को लेकर कुछ मंत्रियों में असंतोष है, लेकिन कोई कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं है।
महाराष्ट्र के ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार 30 दिसंबर को किया गया था। उस दिन कुल 36 मंत्रियों ने शपथ ली, लेकिन विभागों के बंटवारे को लेकर तीनों दलों के बीच समझौता नहीं हो पा रहा था। कांग्रेस ने ग्राम विकास, कृषि और सहकारिता में से एक विभाग की यह कहते हुए मांग की कि उसके ज्यादातर विधायक ग्रामीण क्षेत्र से हैं, इसलिए उसे ग्राम विकास से संबंधित एक और विभाग दिया जाए।
इसे लेकर गुरुवार को एनसीपी के अजित पवार और कांग्रेस के अशोक चव्हाण के बीच ठन भी गई थी। एनसीपी ने एक भी मंत्रालय कांग्रेस को नहीं दिया, बल्कि कांग्रेस को मनाने के लिए शिवसेना ने कुर्बानी दी। शिवसेना ने अपने कोटे से कांग्रेस को युवा, खेल-कूद, सांस्कृतिक कार्य और खार जमीन विकास विभाग दिए, जिसके बाद मामला हल हुआ।
विभागों के बंटवारे से संबंधित सूची मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को ही राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को दे दी थी, लेकिन राज्यपाल सोने चले गए थे। बताया जाता है कि राज्यपाल ने रविवार की भोर में इस पर हस्ताक्षर किए, जिसे सुबह सार्वजनिक किया गया।
कांग्रेस के अशोक चव्हाण को सार्वजनिक निर्माण कार्य (जिसमें सार्वजनिक उपक्रम छोड़कर) दिया गया। बाला साहेब थोरात के पास राजस्व विभाग बरकरार है। एनसीपी के जयंत पाटील या अजित पवार को गृह मंत्रालय मिलने की उम्मीद थी, लेकिन यह विभाग अनिल देशमुख को दिया गया। एनसीपी के नवाब मलिक को अल्पसंख्यक मामलों का मंत्रालय, वक्फ बोर्ड, कौशल विकास एवं उद्यमिता दिया गया। कांग्रेस के नितिन राउत को उर्जा विभाग दिया गया।