न्यूज डेस्क
राजनीति में कुछ भी संभव है। सत्ता कब दुश्मन को दोस्त बना और दोस्त को दुश्मन कहा नहीं जा रहा है। कुल मिलाकर राजनीति में सारे रिश्ते वक्तीतौर पर होते हैं। राजनीति के लिए जितनी सकारात्मक और नकारात्मक बातें कही जाती है वह महाराष्ट्र की राजनीति में चरितार्थ होती दिख रही है।
सत्ता के लिए शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ आ गई, जबकि ये तीनों राजनीतिक पार्टियां अलग-अलग विचारधारा की हैं। एक कट्टर हिंदुत्ववादी का अनुयायी है तो दूसरा सेकुलरिज्म का। फिलहाल अब जब तीनों एक कश्ती पर सवार हो गए हैं तो एक दूसरे के साथ एडजस्ट करने की कोशिश भी शुरु कर दिया है। ऐसा शिवसेना के पोस्टरों में भी दिख रहा है।
सरकार बनाने के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस का साझा गठबंधन “महा विकास अघाड़ी” बनने के बाद शिवसेना भवन के पास एक पोस्टर लगाया गया है। इस पोस्टर में बाल ठाकरे और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को दिखाया गया है। पोस्टर में लिखा है कि शिवसेना के सीएम होने से वह सपना पूरा हो गया है, जिसे बाला साहब ठाकरे ने देखा था। शिवसेना के पितामह इंदिरा गांधी को बधाई देते दिखाए गए हैं। पोस्टर में आदित्य ठाकरे भी हैं।
दरअसल शिवसेना के सूत्रधार बाल ठाकरे, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की कई नीतियों के समर्थक रहे हैं। शिवसेना ने कई बार कांग्रेस को अपना समर्थन दिया है। इतना ही नहीं 1975 में जब इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी तो बाल ठाकरे इंदिरा गांधी के समर्थन में खड़े थे। जबकि उस समय इंदिरा के इस फैसले का देशव्यापी विरोध हुआ था।
गौरतलब है कि शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने 27 नवंबर को बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि चुनाव जीतने के लिए वह बाल ठाकरे की इमेज का इस्तेमाल कर रही है। पिछले 25 वर्षों से वे बालासाहब ठाकरे के पोस्टर को महाराष्ट्र और यूपी में चुनाव जीतने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
मालूम हो कि बाल ठाकरे ने 1966 में महाराष्ट्र की राजनीतिक और पेशेवर मंच पर जनता की उम्मीदों को पूरा करने की लड़ाई लड़ने के लिए शिवसेना की स्थापना की थी। वह मराठी भाषा के अखबार ‘सामना’ के भी संस्थापक हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन में कभी भी कोई पद ग्रहण नहीं किया। बाल ठाकरे की 86 वर्ष की अवस्था में 17 नवंबर 2012 को हार्ट अटैक से निधन हो गया था।
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