न्यूज डेस्क
कई दिनों तक चले राजनीतिक उठापटक के बाद आज महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। उनके साथ एनसीपी से बागी हुए विधायक अजित पवार ने भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। 288 विधानसभा सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में 145 बहुमत का आकड़ा है, जिसे बीजेपी सरकार को 30 नवंबर को फ्लोर टेस्ट में साबित करना होगा।
बीजेपी के नेता जहां कह रहे हैं उनके पास पर्याप्त संख्या है, वहीं शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के नेता भी यह कर रहे हैं कि उनके पास बहुमत के लिए जरूरी 145 विधायकों का समर्थन हासिल है। इन बयानों के बीच हार्स ट्रेडिंग की संभावना भी बढ़ गई है।
माना जा रहा है कि बीजेपी अपनी सरकार को बचाने के लिए एक बार फिर ‘ऑपरेशन कमल’ चला सकती है और एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के विधायकों को तोड़ कर अपने पाले में ला सकती है। वहीं इस तरह की संभावना से बचने के लिए उद्धव ठाकरे अपने विधायकों से आज मातोश्री में मुलाकात की।
वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस ने दल-बदल का खतरे को देखते हुए अपने विधायकों को कुछ दिनों के लिए मध्य प्रदेश भेजने का फैसला किया है। ताकि उन्हें सरकार गठन के दौरान खरीद-फरोख्त से बचाया जा सके। कांग्रेस हाईकमान ने इस संबंध में एमपी के सीएम कमलनाथ से चर्चा की है। बताया गया है कि महाराष्ट्र कांग्रेस अपने विधायकों को भोपाल भेजने वाली है।
महाराष्ट्र में बहुमत हासिल करने तक विधायक भोपाल में रह सकते हैं। विधायकों को सुरक्षित रखने के लिए पार्टी ने छत्तीसगढ़ और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों से भी बात की है। हालांकि यह बात अभी पूरी तरह से तय नहीं हुई है कि महाराष्ट्र के विधायक एमपी, छत्तीसगढ़ या राजस्थान में से सबसे सुरक्षित किस जगह भेजे जा सकते हैं।
इस बीच सूत्रों ने यह भी कहा है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच बातचीत हुई है। माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के विधायक भोपाल भेजे जा सकते हैं। दोपहर बाद इस मामले पर निर्णय लिया जा सकता है।
बताते चले कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल ने कहा कि महाराष्ट्र में बिना बैंड बाजा और बारात के मुख्यमंत्री व डिप्टी सीएम की शपथ ली गई। हम इसकी कानूनी और राजनीतिक लड़ाई लडेंगे और महाराष्ट्र में सरकार बनाएंगे। उन्होंने कहा कि बीजेपी के पास बहुमत नहीं है, उनकी सरकार नहीं चल पाएगी।