पॉलिटिकल डेस्क
इस फिल्म में इमोशन है, ड्रामा है, विरासत की लड़ाई है, कूटनीति है, रणनीति है, विलेन है, हीरो है। पटकथा इतनी सधी हुई है कि दर्शक का ध्यान वहां से हट ही नहीं रहा है। क्लामेक्स जानने के लिए दर्शक फिल्म में नजरे गड़ाए हुए हैं। इस फिल्म में एक खास बात यह है कि फिल्म का डायरेक्टर कई भूमिकाओं में हैं।
फिल्म का डायरेक्टर हीरो, विलेन, स्क्रिप्ट राइटर और प्रोड्यूसर की भूमिका में है। जी हां, हम महाराष्टï्र के पॉलिटिकल ड्रामे की बात कर रहे हैं। यहां एक माह से ड्रामा चल रहा है और यह ड्रामा हर दिन संस्पेंस बढ़ाने का काम कर रहा है, जिसकी वजह से दर्शक टकटकी लगाए हुए हैं।
23 नवंबर से महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आया। फिल्म में केन्द्र बिंदु में एनसीपी और उनका परिवार आ गया। हालांकि एनसीपी पहले ही केन्द्र में आ गई थी जब शिवसेना-बीजेपी के बीच मुख्यमंत्री पद के लिए रार मची थी। जैसे ही बीजेपी-शिवसेना की राहें अलग हुई एनसीपी किंग मेकर की भूमिका में आ गई। उसी समय से ड्रामा शुरु हुआ जो अब तक चल रहा है।
वर्तमान में महाराष्ट्र का पॉलिटिकल ड्रामा बहुत ही दिलचस्प हो गया है। केन्द्र में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनका परिवार है। शरद पवार के भतीजे अजित बगावती तेवर अपनाए हुए हैं तो वहीं एनसीपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ पूरी पवार फैमिली उन्हें मनाने के लिए जुटी हुई है, लेकिन अजित झुकने को तैयार नहीं है।
एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल भी अजित पवार से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश की। अजित से मुलाकात के बाद भुजबल ने कहा कि सरकारें आती-जाती रहती हैं, लेकिन परिवार नहीं टूटना चाहिए।
वहीं अजित के बगावती तेवर के बाद से शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले लगातार परिवार के बारे में इमोशनल पोस्ट लिख रही है। सुप्रिया का व्हाट्सएप स्टेटस पिछले दो दिन से चर्चा में बना हुआ है। पवार फैमिली ने सोशल मीडिया पर अजित पवार से सत्ता से पहले परिवार को रखने की इमोशनल अपील की। सुप्रिया सुले ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखा कि सत्ता आती-जाती है सिर्फ संबंध मायने रखते हैं।
गौरतलब है कि 23 नवंबर को बाजी पलटते हुए बीजेपी ने एनसीपी के अजित पवार के साथ मिलकर सरकार बना ली। अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। उसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति के साथ-साथ शरद पवार के परिवार में भूचाल आ गया। अजित के जाने से एनसीपी का जो ड्रैमेज हुआ था शरद पवार उसे कंट्रोल करने में जुट गए। उनके दावों की माने तो वह डैमेज कंट्रोल करने में सफल हुए हैं।
यदि एनसीपी नेता नवाब मलिक के दावों पर विश्वास करें तो अजित पवार अलग-थलग पड़ गए हैं। नवाब मलिक ने दावा किया कि उनके समर्थन में 54 में से 52 विधायक हैं।
गौरतलब है कि शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने रविवार को सोशल मीडिया पोस्ट की पूरी सीरीज साझा की।
सुले ने लिखा, ‘शनिवार का दिन उनकी लाइफ का सबसे कठिन रहा और उसी दिन मैंने मजबूत बनने की कसम खाई।’ उन्होंने बताया कि पार्टी नेतृत्व उनके भतीजे को मनाने के प्रयास में जुटा हुआ है। सुले ने आगे लिखा, ‘हमारे लिए एक परिवार के रूप में कठिन वक्त चल रहा है लेकिन इसी वक्त कई लोग हमारे समर्थन में आए। इतने मुश्किल वक्त में जिन्होंने हमारा साथ लिया, मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहूंगी।’
बारामती से सांसद सुले ने अपने पिता और एनसीपी प्रमुख शरद पवार के बारे में भी लिखा है। उन्होंने लिखा, ‘वह भले ही जीते या हारें लेकिन शरद पवार हर विषम परिस्थिति के खिलाफ, चाहे वह मोदी-शाह की क्रूर शक्तियां हों, अपने ही परिवार के बागियों से, या फिर अपनी उम्र या स्वास्थ्य से यह युद्ध एक असली मराठा योद्धा की तरह लड़ रहे हैं, .. कभी भी इस स्तर के दृढ़ संकल्प के बारे में नहीं सुना।’
सुप्रिया सुले की पोस्ट को देखे तो पता चलता है कि उनके परिवार में विरासत को लेकर जंग छिड़ा हुआ है। पार्टी पर वर्चस्व बनाए रखने की चुनौती से शरद पवार भी जूझ रहे हैं। हालांकि सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि अजित ने जो किया है उसमें पवार की सहमति थी। पवार राजनीति के चतुर खिलाड़ी है। उन्होंने बड़े सूझबूझ से ये सब किया है। उन्होंने ‘सांप भी मर जाए और लाठी न टूटे’ की कहावत को चरितार्थ किया है। उन्होंने न तो शिवसेना से बिगाड़ा और न ही बीजेपी से। इसीलिए कहा जा रहा है कि इस फिल्म के डायरेक्टर शरद पवार कई भूमिका में है।
एक बात तो तय है कि सत्ता क्या न करवा दें। कुछ समय पहले तक अजित पवार को जेल में भेजने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस सत्ता के लिए अब उनके साथ गलबहिया कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर अजित, जिन्होंने शरद पवार के सरंक्षण में राजनीति का ककहरा सीखा, आज उन्हीं के दांव देने में लगे हुए हैं। इसीलिए कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र का पॉलिटिकल ड्रामा हिट है। यदि यह ड्रामा हिट न होता तो टीवी चैनल दिनरात महाराष्ट्र का ड्रामा न दिखा रहे होते।
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