जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। भतीजे अजित पवार ने चाचा शरद पवार को जोरदार झटका दिया है और बीजेपी के साथ मिलकर शरद पवार को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। शिंदे सरकार में शामिल अजित पवार को लेकर शरद पवार अब आर पार के मुड़ में नजर आ रहे हैं।
हालांकि उनकी पार्टी के दो भाग होने से न सिर्फ शरद पवार बल्कि विपक्षी एकता को भी बड़ा झटका लगा है। इतना ही नहीं शरद पवार को कई सालों बाद महाराष्ट्र में खिसकती सियासत का अहसास करवा दिया है।
दूसरी तरफ शरद पवार विपक्षी एकता को मजबूत करने में लगे हुए थे लेकिन इसी बीच उनकी पार्टी में ही सेंध लग गई है। जहां एक ओर उनकी पार्टी में दो फाड हो गए है तो दूसरी ओर बीजेपी की रणनीति ने विपक्षी एकता को भी गहरा नुकसान पहुंचाया है।
हालांकि शरद पवार ने साफ कर दिया है वो अभी हार नहीं मानेंगे और अपनी पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बागी नेता अब राजनीतिक रूप से अपरिपक्व नहीं रहे. यहां एक संवाददाता सम्मेलन में 82 वर्षीय पवार ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत करते हुए कहा, ‘‘मैं न तो थका हूं और ना ही सेवानिवृत्त हुआ हूं।’’
उन्होंने कहा कि अगर कोई व्यक्ति अपना स्वास्थ्य अच्छा रखता है, तो उम्र कोई मायने नहीं रखती। इस दौरान उन्होंने अजित पवार के उस दावे पर अतीत में कई बार एनसीपी के भीतर बीजेपी से हाथ मिलाने को लेकर चर्चा हुई थी, इस पर चुप्पी तोड़ते हुए शरद पवार ने कहा कि चर्चाएं हर समय होती रहती हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि बीजेपी के साथ जाने का निर्णय कभी लिया गया था। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अजित और अन्य बागी नेताओं से पार्टी में लौटने की अपील करेंगे। पवार ने कहा, ‘‘तनाव बढ़ाने के लिए मेरी ओर से कुछ नहीं किया जाएगा… अगर कोई पुनर्विचार करना चाहता है, तो कोई समस्या नहीं है।’’
बता दे कि दो जुलाई को एकाएक अजित पवार ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर शरद पवार को बगैर बताये बीजेपी से जा मिले। इतना ही नहीं शिंदे सरकार को समर्थन देते हुए सरकार में शामिल हो गए और उप मुख्यमंत्री जा बैठे। उनके आलावा एनसीपी के कई और लोगों को मंत्री बनाया गया है।