न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव खत्म होने के चार महीने बाद एक बार फिर देश में चुनावी मौसम आ गया है। चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, हरियाणा में चुनाव तारीखों का ऐलान कर दिया है। महाराष्ट्र में 288 सीटों के लिए 8.94 करोड़ वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। वहीं, हरियाणा में 90 सीटों के लिए 1.28 करोड़ वोटर अपने मतदान का प्रयोग करेंगे।
आचार संहिता लागू
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐलान किया कि महाराष्ट्र और हरियाणा में 21 अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों ही राज्यों में 24 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के ऐलान के साथ ही दोनों राज्यों में चुनावी आचार संहिता लागू हो गई। महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार है। जबकि हरियाणा में बीजेपी अपने दमपर सरकार में है। बीजेपी एक बार फिर दोनों राज्यों में कमल खिलाने की कवायद में है। वहीं, विपक्षी दल सत्ता में वापसी के लिए बेताब नजर आ रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि महाराष्ट्र 1.8 लाख और हरियाणा में 1.3 लाख ईवीएम का इस्तेमाल होगा। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि ईवीएम पूरी तरह से सेफ हैं, ईवीएम और वीवीपैट मशीनों को इन्हें डबल लॉक में रखा जाएगा। कोई भी उम्मीदवार और उनके साथी एक निश्चित सुरक्षित दूरी से स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा पर निगाह रख सकते हैं।
चुनाव आयोग इस दौरान उम्मीदवारों, पार्टियों के सोशल मीडिया पर भी नज़र रखेगा। चुनाव आयोग की ओर से इस दौरान अलग-अलग राज्यों की 64 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान भी किया गया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि प्रत्याशी के लिए चुनाव में खर्च की अधिकतम लिमिट 28 लाख रुपये रहेगी, ये नियम दोनों ही राज्यों में लागू होगा। चुनाव आयोग की ओर से खर्च पर भी नज़र रखी जाएगी।
तारीखों का ऐलान करने से पहले चुनाव आयोग ने सुरक्षा का जायजा लिया और तैयारियों को परख कर ही अब चुनाव कराया जा रहा है। चुनाव आयोग की ओर से राजनीतिक दलों से अपील की गई है कि वह अपने प्रचार में प्लास्टिक का कम से कम इस्तेमाल करें और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए अपने प्रचार को आगे बढ़ाएं।
बताते चले कि महाराष्ट्र की 288 सदस्यों वाली विधानसभा सभा का कार्यकाल नौ नवंबर को समाप्त हो रहा है, जबकि हरियाणा की 90 सदस्यों वाली विधानसभा का कार्यकाल दो नवंबर को समाप्त हो रहा है। दोनों ही राज्यों में भारतीय जनता पार्टी सत्ता में है, ऐसे में लोकसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत को भुनाने में पार्टी की कोशिश होगी।
दोनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव कई मायनों में खास है, क्योंकि बीते चार महीनों में राजनीति में काफी कुछ बदल गया है जिसका असर इन चुनाव के नतीजों पर पड़ सकता है।