न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के पालघर में दो साधु और ड्राइवर की मॉब लिंचिंग के मामले में उद्धव सरकार ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि इस मामले में अब तक 110 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें से 9 को जुवेनाइल होम भेजा गया है। देशमुख ने साफ किया कि पालघर की घटना में जो लोग मारे गए और जिन्होंने हमला किया, वह अलग-अलग धर्मों के नहीं थे।
राज्य के गृह मंत्री ने रविवार को जांच का आदेश दिए जाने की जानकारी देते हुए इस घटना को कोई सांप्रदायिक रंग नहीं देने की भी चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों पर करीबी नजर रख रही है, जो इस घटना के जरिए समाज में वैमनस्य पैदा करना चाहते हैं।
मुंबईसे सूरत जानेवाले ३ लोगों की पालघर में हुई हत्या के बाद मेरे आदेश से इस हत्याकांड में शामिल १०१ लोगों को पुलिस हिरासत में लिया गया है। साथ ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं। इस घटना को विवादास्पद बनाकर समाज में दरार बनाने वालों पर भी पुलिस नज़र रखेगी।#LawAndOrder
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 19, 2020
देशमुख ने ट्वीट किया, ‘सूरत जा रहे तीन लोगों की पालघर में हुई हत्या में संलिप्त 101 लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। हत्या के मामले में मैंने उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया है।’
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि आरोपितों को घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इससे पहले, मुख्यमंत्री कार्यालय सीएमओ की ओर से घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया, ‘पालघर की घटना पर कार्रवाई की गई है, जिन्होंने 2 साधुओं, एक ड्राइवर और पुलिसकर्मियों पर हमला किया था, पुलिस ने घटना के दिन ही उन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस अपराध और शर्मनाक कृत्य के अपराधियों को कठोर दंड दिया जाएगा।’
बता दें कि पालघर की घटना को लेकर संत समाज में रोष व्याप्त है, जबकि बीजेपी ने इसकी जांच की मांग करते हुए पुलिस को कठघरे में खड़ा किया है। महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरि ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी को पत्र लिखकर इस घटना को सभ्य समाज पर कलंक बताया है।