स्पेशल डेस्क
मुम्बई।महाराष्ट्र में अगली सरकार बनने को लेकर चली आ रही उठापटक चरम पर पहुंच गई है। कांग्रेस और एनसीपी के बल पर शिवसेना सत्ता तक पहुंचने का सपना देख रही है लेकिन फिलहाल दोनों ही पार्टी शिवसेना को समर्थन देंगी या नहीं इसपर कोई फैसला नहीं किया है और साफ कर दिया है कोई भी कदम जल्दीबाजी में नहीं लिया जायेगा।
दूसरी ओर शिवसेना को अब भी उम्मीद है कि सूबे में उसकी सरकार बन जाएगी। महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद कांग्रेस-एनसीपी एक्शन में नजर आ रही है। दोनों ही पार्टियों ने साझा प्रेस कांफ्रेंस कर अपना बयान जारी किया।
दोनों ही पार्टियों ने कहा है कि जल्दीबाजी में कोई कदम नहीं उठायेंगे और कांग्रेस-एनसीपी बैठक में भले ही सरकार गठन पर कोई फैसला नहीं हुआ लेकिन शरद पवार ने साफ कर दिया है कि अगला चुनाव नहीं चाहती है उनकी पार्टी। कांग्रेस और एनसीपी दोनों मिलकर इस मुद्दे पर चर्चा करने के बाद ही कोई कदम उठायेंगे।
उधर होटल रिट्रीट में शिवसेना विधायकों के साथ शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने अहम बैठक की है। बैठक के फौरन बाद पत्रकारों से कहा कि शिवसेना की सरकार बनेगी। हमें थोड़ा वक्त चाहिए। एनसीपी कांग्रेस से बात चल रही है। हमने राज्यपाल से सरकार बनाने की इच्छा जताई थी। राज्यपाल ने हमें समय नहीं दिया। शिवसेना को समय की जरूरत है. हमारा सरकार बनाने का दावा अभी भी कायम है। बहुमत साबित करने के लिए 24 घंटे का वक्त कम है। शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने इस अवसर पर कहा कि बीजेपी रिश्ता खत्म किया, हमने नहीं।
#WATCH Mumbai: Shiv Sena chief Uddhav Thackeray reacts to a question 'Is the BJP option completely finished?'. Says, "Why are you in such a hurry? It's politics. 6 months time has been given (President's Rule). I didn't finish the BJP option, it was BJP itself which did that…" pic.twitter.com/3pew41hMuF
— ANI (@ANI) November 12, 2019
कांग्रेस-एनसीपी ने नहीं खोला अपना पत्ता
महाराष्ट्र में मंगलवार का दिन सियासी घमासान चरम पर नजर आया। कांग्रेस के कई बड़े नेता मुम्बई पहुंचकर ताजा राजनीतिक हालात पर अपने सहयोगी दल एनसीपी से की। इसके बाद प्रेस कांफे्रंस में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, एनसीपी नेता शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शामिल होकर अपनी बात रखी है। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा हुईद्घ 11 नवंबर को शिवसेना ने पहली बार हमसे संपर्क किया था।हम इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और जल्द ही कोई फैसला लेंगे। वहीं कांग्रेस के अहमद पटेल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश को लेकर कड़ा विरोध जताया है।
NCP leader Praful Patel: A meeting was held between senior leaders of NCP and Congress today. On 11th November Shiv Sena first contacted us formally. We will discuss on all the issues and then take a decision. #Mumbai pic.twitter.com/65aprntKXD
— ANI (@ANI) November 12, 2019
उन्होंने कहा कि मैं उसकी आलोचना करता हूं. सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन है, इस सरकार पिछले 5-7 साल में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन नहीं मानी और मनमानी की है। मैं समझता हूं कि यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने पहले बीजेपी, फिर शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता मिला, लेकिन कांग्रेस को सरकार बनाने का कोई न्योता नहीं मिला।
उधर सियासी गलियारे में दावा यहां तक किया गया है कि शिवसेना का मुख्यमंत्री होगा और उसे पांच साल तक कांग्रेस और एनसीपी अपना समर्थन देगी। उधर अभी महाराष्ट्र में एकाएक घटनाक्रम तब बदल गया है जब महाराष्ट्र के राज्यपाल ने राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है। हालांकि इस बारे में अभी कोई ठोस जानकारी नहीं है। उधर जानकारी के मुताबिक शिवसेना इस मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है।