न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र में बीजेपी से रिश्ते तोड़ने के बाद से ही शिवसेना प्रमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर हिंदुत्व की विचारधारा से अलग होने का आरोप लगा रहा था। कहा जा रहा था कि जिस विचाराधारा के बल पर शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं आखिर उससे उलट होकर शिवसेना ने कैसे कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली।
साथ ही उद्धव ठाकरे पर आरोप लग रहा था कि कुर्सी के लालच में आकर शिवसेना प्रमुख ने हिंदुओं को धोखा दिया है। दरअसल, कांग्रेस से गठबंधन के बाद से ही देवेंद्र फडणवीस और बीजेपी उद्धव ठाकरे को हिंदुत्व के सवाल पर घेरते रहे हैं, जिस पर उन्होंने रविवार को विपक्ष के हिंदुत्व के सवाल पर जवाब देते कहा कि अपनी बात पर कायम रहना ही उनका हिंदुत्व है।
सदन में चर्चा के दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि जनता के आशीर्वाद से मैं मुख्यमंत्री बना और मैं भाग्यशाली हूं क्योंकि पिछले 30 साल से जो मेरे विरोधी थे, वे अब दोस्त बन गए हैं। मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत कुछ सीखा है, उन्हें विरोधी पक्ष नहीं कहूंगा बल्कि एक पार्टी का जवाबदेह नेता कहूंगा।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा, मैंने देवेंद्र फडणवीस से बहुत सी चीजें सीखी हैं और मैं हमेशा उनसे दोस्ती रखूंगा। मैं अभी भी ‘हिंदुत्व’ की विचारधारा के साथ हूं और इसे कभी नहीं छोड़ूंगा। पिछले 5 वर्षों में मैंने कभी भी सरकार को धोखा नहीं दिया है।