जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की है। कथित वसूली मामले में सीबीआई ने जहां देशमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है तो वहीं है उनके कई ठिकानों पर तलाशी कर रही है।
कुछ दिनों पहले सीबीआई ने अनिल देशमुख से पूछताछ भी की थी। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की ओर से लगाए गए आरोपों के बाद पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी और उच्च न्यायालय के आदेश पर उनके खिलाफ सीबीआई ने जांच शुरू की है।
अधिकारियों के अनुसार जांच-पड़ताल के दौरान सीबीआई को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत अनिल देशमुख और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू करने के लिए पर्याप्त प्रथम दृष्टया सामग्री मिलीं है।
अधिकारियों ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने मुंबई में कई स्थानों पर छापे मारे।
मालूम हो कि परमबीर सिंह ने 25 मार्च को देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच का अनुरोध करते हुए आपराधिक जनहित याचिका दायर की थी। इसमें सिंह ने दावा किया था कि अनिल देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे समेत अन्य अधिकारियों को बार एवं रेस्तरांओं से 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था।
परमबीर सिंह ने शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट का रुख किए थे, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख के “भ्रष्ट आचारण” के बारे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और अन्य वरिष्ठ नेताओं से शिकायत करने के बाद उनका तबादला किया गया।
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सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को गंभीर बताया था और साथ ही सिंह को उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा था।
बीते दिनों देशमुख से पूछताछ करने से पहले रविवार को केंद्रीय एजेंसी ने अनिल देशमुख के दो निजी सहायकों से पूछताछ की थी। इसके अलावा एजेंसी ने एनआईए की गिरफ्त में चल रहे मुंबई पुलिस के निलंबित सचिन वाझे के दो ड्राइवरों से भी पूछताछ की थी।
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मालूम हो मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक वाली कार मिलने के मामले में एपीआई सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने मुख्यमंत्री को खत लिखकर आरोप लगाया था कि वाझे को अनिल देशमुख ने हर महीने 100 करोड़ रुपए की वसूली का आदेश दिया था।
हाल ही में वाझे ने भी एनआईए कोर्ट को लिखे खत में ये आरोप लगाए हैं।