न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल के लिए विधानभवन परिसर में तैयारी शुरू हो गई है। सूत्रों की माने तो महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट का विस्तार 30 दिसंबर को किए जाने की संभावना है। बताया जा रहा है कि उद्धव सरकार में 28 कैबिनेट मंत्री और 8 राज्य मंत्री शामिल होंगे।
जानकारी के मुताबिक मंत्रिमंडल विस्तार का समारोह राजभवन की जगह विधान भवन परिसर में ही किया जाएगा ताकि सरकार में शामिल तीनों पार्टियों, शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के ज्यादा से ज्यादा समर्थकों को नए मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का मौका मिल सके।
खबर है कि मंत्रिमंडल विस्तार में 36 नए मंत्री शपथ ले सकते हैं जिनमें से एनसीपी नेता अजित पवार और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण को अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। इस बीच विभागों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस खेमे में नाराजगी की भी खबर आ रही है।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस कुछ बड़े मंत्रालय चाहती है। गृह निर्माण, इंड्रस्ट्री, ग्रामीण विकास और कृषि जैसे मंत्रालयों पर कांग्रेस की नजर है। इनमें से कम से कम दो मंत्रालय कांग्रेस अपने खाते में चाहती है।
कांग्रेस के पास जो विभाग अभी हैं, उनमें से अधिकतर से जनता सीधे कनेक्ट नहीं होती है। इसको लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस ने दिल्ली आलाकमान को नाराजगी व्यक्त की है। आलाकमान ने एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार को इस बारे में बताया।
गौरतलब है कि 28 दिसंबर को मल्लिकार्जुन खड़गे मुंबई आ रहे हैं जिसके बाद फिर से तीनो दलों की बैठक होगी। बैठक में कांग्रेस अपनी भूमिका दोनों दलो के सामने रखेगी। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस ने कहा कि अगर एनसीपी अपने विभाग शिवसेना के साथ बदल सकती है तो कांग्रेस क्यों नहीं बदल सकती है।
बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे नीत मंत्रिमंडल में उनके अलावा छह मंत्री हैं। सूत्रों के अनुसार महाराष्ट्र विकास आघाडी के इस पहले मंत्रिमंडल विस्तार में शिवसेना और एनसीपी के 10-10 कैबिनेट और 3 राज्यमंत्री और कांग्रेस के 10 मंत्री शपथ ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार मंत्रिमंडल विस्तार में तीनों पार्टियां अपने छोटे मित्र दलों और निर्दलीय समर्थक विधायकों को भी समाहित करने की कोशिश कर रही हैं।
शिवसेना का समर्थन कर रहे निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और कांग्रेस की तरफ से समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी का नाम मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने के प्रयास चल रहे हैं। हालांकि, तीन दलों की सरकार होने के कारण मंत्रिमंडल में अपने विधायकों को मौका देने के लिए तीनों पार्टियों पर काफी दबाव है। इसके अलावा तीनों पार्टियों में जूनियर और सीनियर का झगड़ा भी चल रहा है। कांग्रेस ने तो इस मुद्दे पर तय कर लिया है कि जो कम से कम दो से अधिक बार विधायक चुना गया है उसी के नाम पर विचार होगा।
ये बन सकते हैं मंत्री
राजनीतिक हलकों में चल रही चर्चा के मुताबिक शिवसेना के कोटे से रवींद्र वायकर, उदय सामंत, गुलाबराव पाटील, तानाजी सावंत, आशीष जैसवाल, संजय राठोड, दादा भुसे, दिवाकर रावते, अनिल परब, डॉ.राहुल पाटील, संजय शिरसाट, अनिल बाबर, शंभूराज देसाई का नाम चल रहा है। हालांकि शिवसेना विधायकों का दबाव है कि विधानसभा का चुनाव जीतने वाले विधायकों को ही मंत्री बनने का मौका मिलना चाहिए। शिवसेना की तरफ से मुस्लिम विधायक अब्दुल सत्तार को भी मंत्री बनाया जा सकता है।
एनसीपी की तरफ से अजित पवार, दिलीप वलसे पाटील, नवाब मलिक, धनंजय मुंडे, जितेंद्र आव्हाड, हसन मश्रीफ, अनिल देशमुख, राजेंद्र शिंगणे, मकरंद पाटील, बालासाहेब पाटील, सरोज अहिरे और डॉ.किरण लहामटेके नाम मंत्री बनने वालों की लिस्ट में हैं। इसी तरह से कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, अशोक चव्हाण, विजय वडेट्टीवार, के. सी. पाडवी, अमित देशमुख, सतेज पाटील, विश्वजीत कदम, यशोमती ठाकुर, सुनील केदार, वर्षा गायकवाड, अमीन पटेल और प्रणीति शिंदे के नाम संभावित तौर पर लिए जा रहे हैं।