विवेक अवस्थी
देर रात अजित पवार द्वारा उठाये गये कदम से महाराष्ट्र में नई सरकार बनी। बदला लेने के लिए सबसे सही तरीका उस माहौल को ठंडा होने तक का इतंजार करना है। यह कथन एक प्रसिद्ध उपन्यास का है जो मारियो पूजो द्वारा लिखा गया है। यह कथन महाराष्ट्र की राजनीती में ठीक बैठता है। यहां, राकांपा के अजित पवार का संदेश भी ऐसा ही प्रतीत होता है। इन्होने रातों रात शिवसेना और कांग्रेस को झटका देकर बीजेपी का मुख्यमंत्री और खुद को उपमुख्यमंत्री बनाकर साबित कर दिया।
एक ऐसा नाम जिसका किसी को पता नही कहां से आया और देर रात तख्तापलट करके शिवसेना और कांग्रेस को बेक फुट पर कर दिया। अजित पवार ने ऐसा लगता है कि इस लिए किया क्योंकि वो अपने चाचा शरद पवार से बदला लेने के लिए किया। उन्हें अपनी ही बेटी सुप्रिया सुले के बाद पार्टी में दूसरी भूमिका निभाने के लिए मजबूर कर दिया।
वहीं, भाजपा जोकि महाराष्ट्र चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर 105 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। फिर भी सत्ता के लिए विवाद से बाहर लग रही थी। लेकिन एनसीपी के नेतृत्व में शिवसेना और कांग्रेस कल तक सरकार बनाने के लिए गठबधन की कोशिशों में लगे हुए। लेकिन इस कहानी के एक मोड़ ने देश के दूसरे सबसे बड़े राज्य महाराष्ट्र को एक आश्चर्यजनक और नई सरकार बना दी है।
इस बारे में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने ट्वीट कर कहा कि महाराष्ट्र सरकार बनाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का अजित पवार का निर्णय उनका व्यक्तिगत निर्णय है। न कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का। हम उसके इस फैसले का समर्थन नहीं करते हैं।
वहीं, सुप्रिया सुले ने लिखा है कि ‘पार्टी और परिवार दोनों टूट गये’। मैंने अपने जीवन में इतना बड़ा धोखा कभी महसूस नहीं किया। उन्होंने लिखा कि उसका बचाव किया उसे प्यार किया, लेकिन उसके बदले मुझे क्या मिलेगा ये नहीं सोचा था।
इससे पहले, राउत ने आगे कहा कि कल 9 बजे तक ये महाशय (अजीत पवार) हमारे साथ बैठे थे। बाद में अचानक से गायब हो गए, वो नजर से नजर मिलाकर बात नहीं कर रहे थे। उससे हमें शक भी हुआ था। उन्होंने कहा कि आखिरी समय तक वो हमारे साथ थे। अजित पवार ने धोखा दिया है। अजित पवार को जांच का डर है।
राज्यपाल में भी आरोप लगाते हुए संजय राउत ने कहा कि इसमें राज्यपाल भी शामिल हैं। राजभवन की शक्तियों का दुरुपयोग किया गया है। भाजपा और देवेंद्र फडणवीस सत्ता के लिए कुछ भी कर सकते हैं।
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि उन्हें पहले लगा कि यह खबर फर्जी है – ज्यादातर लोगों की प्रतिक्रिया थी, जब अजित पावर और देवेंद्र फडणवीस ने पहली बार शनिवार सुबह शपथ ली।
शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे के आगमन के लिए मुंबई में वाई बी चव्हाण सभागार के बाहर प्रतीक्षारत सुप्रिया सुले को आज सुबह देखा गया। बाद में उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य के साथ यहां पहुंचे और शरद पवार भी कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे।
शिवसेना-एनसीपी की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि ये अजित पवार का निजी फैसला है। ये फैसला पार्टी की विचार धारा के खिलाफ है। कुछ निर्दलीय विधायक हमारे साथ थे। कुछ विधायक बीजेपी के साथ गए हैं। इन विधायकों को दलबदल कानून का पता होना चाहिए। मुझे अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने का अचानक पता चला। हमें जो कार्रवाई करनी हैं, हम वो करेंगे।