मल्लिका दूबे
गोरखपुर. सपा-बसपा गठबंधन के सीट वितरण फार्मूले में नेपाल की सरहद से लगे महराजगंज संसदीय सीट पर प्रत्याशी को लेकर ‘कोटा इंटरचेंज” की संभावना खत्म होती दिख रही है। चुनाव लड़ने के लिए गठबंधन में यह सीट सपा के खाते में है लेकिन बीच के कुछ दिनों यहां बसपा के साथ किसी एक सीट के इंटरचेंज की चर्चा खूब चली।
सपा ने अभी तक यहां प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है लेकिन सपा से यहां पूर्व सांसद अखिलेश सिंह के भाई पूर्व विधायक मुन्ना सिंह ने भाई के लिए चुनावी तैयारी बैठक कर समर्थकों के बीच एलान किया है कि अखिलेश सिंह का पर्चा दाखिला 26 अप्रैल को होगा।
क्यों चर्चा थी कोटा इंटरचेंज की
महराजगंज संसदीय क्षेत्र में गठबंधन के बीच कोटा इंटरचेंज की चर्चा दो वजहों से थी। एक तो यहां कांग्रेस ने क्षत्रिय बिरादरी से ताल्लुक रखने वाली सुप्रिया श्रीनेत को प्रत्याशी बनाया है। सुप्रिया राष्ट्रीय स्तर की पत्रकार रही हैं और वह महराजगंज के पूर्व सांसद हर्षवर्धन की पुत्री रही हैं। दूसरा एक दौर तक यह माना जा रहा था कि निषाद पार्टी से गठबंधन के चलते यह सीट सपा निषाद पार्टी को दे सकती है। पर, निषाद पार्टी ने गठबंधन से किनारा कर लिया।
ऐसे में यह चर्चा तेज हो गयी कि यहां सपा अपने कोटे की सीट बसपा से इंटरचेंज कर सकती है। पूर्व सांसद अखिलेश सिंह यहां पहले से सपा टिकट के दावेदार रहे हैं लेकिन बदले हालात में यहां भाजपा के पंकज चौधरी को कड़ी टक्कर देने के लिए बसपा की तरफ से ब्राह्मण प्रत्याशी के रूप में विधान परिषद के पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय के नाम पर संभावनाओं की चर्चा होने लगी।
गणेश शंकर पांडेय के समर्थकों ने क्षेत्र में उनकी संभावित प्रत्याशिता को भी बल देना शुरू कर दिया था। अब जबकि इस संसदीय क्षेत्र में सोमवार से नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी, बसपा या सपा की तरफ से सीट इंटरचेंज को लेकर कोई घोषणा नहीं की गयी है।
अखिलेश का खेमा तैयारियों में जुटा
इस बीच पूर्व सांसद अखिलेश सिंह का खेमा नामांकन की तैयारियों में जुट गया है। उनके समर्थक अब इस बात को लेकर खासे आश्वस्त हैं कि महराजगंज में सपा अखिलेश सिंह को ही प्रत्याशी बनाएगी। अखिलेश सिंह के भाई, पूर्व विधायक कौशल किशोर उर्फ मुन्ना सिंह ने रविवार को समर्थकों के साथ बैठक कर उन्हें पूरे विश्वास से बताया कि अखिलेश सिंह ही सपा के प्रत्याशी होंगे आैर उनका पर्चा 26 अप्रैल को भरा जाएगा।